लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को न्यायिक सेवा संघ के 42वें सम्मेलन में में शामिल हुए. दीप प्रज्वलन कर उन्होंने कार्यक्रम का शुभारंभ किया. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि 42वें अधिवेशन के अवसर पर राजधानी में आपकी गरिमामई उपस्थित, उत्साह के साथ हृदय से स्वागत आपका अभिनन्दन करता है. मेरे लिए यह अवसर महत्वपूर्ण है. 2018 के अधिवेशन में मुझे आने का अवसर प्राप्त हुआ था. मुझे प्रसन्नता की अनुभूति हुई थी. किसी भी संस्था के निर्णायक भूमिका निभाती है. संविधान के लागू होने के अमृत महोत्सव में हम सबने प्रवेश किया है. वर्ष भर में संविधान के प्रति वचन वृद्धता के आयोजन हो रहे है. जो थीम है न्याय है यह अधिवेशन हमें महाकुंभ का दिव्य दर्शन कराता है.
सीएम ने आगे कहा कि प्रयागराज में हमारी मुख्यपीठ भी स्थित है. 102 में यूपी ने अनेक उपलब्धियां हासिल की है. न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारी यहां उपस्थित है. न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारियों की एकता सेवा का उदाहरण दिखता है. मैं इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं देता हूं. देश का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय हमारे प्रदेश में स्थित है. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीश उपस्थित हैं. यह यूपी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. किसी भी राज्य के परसेप्शन के लिए न्याय पालिका की बड़ी भूमिका होती है. आजादी के शताब्दी के अवसर पर प्रधानमंत्री ने विकसित भारत से जोड़ा था. विकसित भारत का विकसित उत्तर प्रदेश.
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योगी ने कहा कि विकसित उत्तर प्रदेश का विकसित जनपद यह समग्रता सबकी खुशहाली का कारण बनेगा. इसके लिए सुद्रण न्यायिक व्यवस्था से होगा. न्याय सुगम और न्याय त्वरित बनाना पड़ेगा. इस विषय में बहुत प्रयास हुए हैं. कैसे एक वर्ष में 2024 में जनपद ट्रायल कोर्ट में 72 लाख मामलों का निस्तारण हुआ. आज भी 1 करोड़ 15 लाख से ज्यादा मामले लंबित पड़े हैं. ज्यादा से ज्यादा मामले निस्तारित हुए हैं. इसका परिणाम आज प्रदेश में दिख रहा है. सरकार भी न्यायिक व्यवस्था को सुगम सुद्रण बनाने में सहयोग करेगी. तीन नए कानून 1 जुलाई 2024 को लागू हुए. न्यायिक अधिकारियों ने इसको लागू किया. 3 नए कानून दंड पर आधारित नहीं न्यायबोर आधारित है. यह लोकतंत्र को आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होने जा रहे हैं.
यूपी सरकार प्रतिबद्ध है न्याय पालिका के कार्यों के सस्ती सुगम उपलब्ध कराने के निर्णायक भूमिका करने वाला है. सरकार ने हर स्तर पर प्रयास किया है. 2024-25 में प्रयागराज में न्यायधीशों के आवास के निर्माण के लिए स्वीकृत दी है. लखनऊ में आवास के लिए 117 करोड़ रु की वित्तीय स्वीकृति दिला चुके हैं. प्रयागराज के भवन के रखरखाव के लिए 44 करोड़ 91 लाख रुपये राज्य सरकार जारी कर चुकी है. न्यायालय के इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में नई व्यवस्था आगे बढ़ाई है. जनपद न्यायालय मोटर एक्सीडेंट से जुड़े ट्रिब्यूनल न्यायालय के लिए अच्छा कॉम्प्लेक्स उपलब्ध करा सकें. 10 जनपदों में हमने व्यवस्था की शुरुवात की है. केंद्र सरकार के द्वारा आवासीय और कोर्ट रूम के लिए 2024-25, 2025-26 में 148 करोड़ 239 करोड़ दारी कर चुकी है.
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सरकार हर सहयोग के लिए तैयार- योगी
सीएम ने कहा कि यूपी में न्यायिक अधिकारियों के वेतन भत्तों 1092 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. न्यायिक अधिकारियों के लिए 54 करोड़ रु स्वीकृति हुई है. 14.92 करोड़ रुपये की लागत से स्पोर्ट कॉम्पलेक्स बनाया जा रहा है. ऑडोटोरियम के लिए 2.36 करोड़ स्वीकृति की जा चुकी है. प्रदेश के अंदर रखरखाव के लिए 81 करोड़ की राशि स्वीकृति की जा चुकी है. डॉ राजेंद्र प्रसाद विधि विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए 387 करोड़ रु दिए जा चुके हैं. आने वाले समय में न्यायालयों में आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल कर सकेंगे. डाटा वेस एएआई का इस्तेमाल कर सके राज्य सरकार इसके लिए काम कर रही है. न्यायिक व्यवस्था में डिजिटल व्यवस्था के लिए काम कर रही है. ई फॉरेंसिक के लिए सरकार काम कर रही है. सीएम ने कहा कि न्याय पालिका के साथ मिलकर सरकार हर प्रकार सहयोग करने के लिए तैयार है. जो बातें रखी गई वह बहुत पहले हो जानी चाहिए थी.