Chandipura Virus: कोरोना (corona) के बाद देश में चांदीपुरा वायरस बच्चों पर कहर बनकर टूट रहा है। इसका सबसे ज्यादा प्रकोप गुजरात (Chandipura Virus in Gujrat) में देखने को मिल रहा है। गुजरात (Gujrat) में तीन हफ्ते से चांदीपुरा वायरस का कहर जारी है। अब तक 44 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं 124 केस आए हैं, जिनमें से 54 का इलाज अब भी जारी है।
वहीं देश के तीन राज्यों में वायरल का प्रकोप देखने को मिल रहा है। गुजरात के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी इसके मरीज मिलने शुरू हो गए हैं। चांदीपुरा वायरस की खबर आने के बाद से पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। देश की हेल्थ एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं।
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गुजरात में अब तक चांदीपुरा वायरस के 124 केस दर्ज किए गए हैं। मौजूदा समय में चांदीपुरा वायरस से संक्रमित 54 मरीज अस्पताल में एडमिट हैं तो 26 मरीजों को छुट्टी दी गई है। शुरुआत में संक्रमित मरीजों की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में देखी गई, जिसके बाद अब अहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट, सूरत जैसे महानगरों में भी मरीज मिल रहे हैं।
अब तक दर्ज किए गए चांदीपुरा वायरस के 124 मामलों में से साबरकांठा में 12, अरवल्ली में 6, महीसागर में 2, खेड़ा में 6, मेहसाणा में 7, राजकोट में 5, सुरेंद्रनगर में 4, अहमदाबाद कॉरपोरेशन में 12, गांधीनगर में 6, पंचमहाल में 15, जामनगर में 6, मोरबी में 5, गांधीनगर कॉर्पोरेशन में 3, छोटा उदेपुर में 2, दाहोद में 2, वडोदरा में 6, नर्मदा में 2, बनासकांठा में 5, वडोदरा कॉरपोरेशन में 2, भावनगर में 1, देवभूमि द्वारका में 1, राजकोट कॉरपोरेशन में 4, कच्छ में 3, सूरत कॉरपोरेशन में 2, भरूच में 3, अहमदाबाद में 1 और जामनगर कॉरपोरेशन में 1 मरीज सामने आया है।
यहां मरीजों की हुई मौत
चांदीपुरा वायरस के जिन 44 की मौत हुई है, उनमें साबरकांठा में 2, अरवल्ली में 3, महीसागर में 2, खेड़ा में 2, मेहसाणा में 2, राजकोट में 3, सुरेंद्रनगर में 1, अहमदाबाद कॉर्पोरेशन में 4, गांधीनगर में 2, पंचमहल में 5, जामनगर में 2, मोरबी में 3, गांधीनगर कॉर्पोरेशन में 2, दाहोद में 2, वडोदरा में 1, नर्मदा में 1, बनासकांठा में 3, वडोदरा कॉर्पोरेशन में 1, देवभूमि द्वारका में 1, सूरत कॉर्पोरेशन में 1 और जामनगर में 1 मरीज की मौत हो चुकी है।
क्या है चांदीपुरा वायरस?
साल 1966 में पहली महाराष्ट्र में इससे जुड़ा केस रिपोर्ट किया गया था। नागपुर के चांदीपुर में इस वायरस की पहचान हुई थी, इसी लिए इसका नाम चांदीपुरा वायरस पड़ गया। इसके बाद इस वायरस को साल 2004 से 2006 और 2019 में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में रिपोर्ट किया गया। बता दें कि चांदीपुरा वायरस एक RNA वायरस है, जो सबसे ज्यादा मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है. इसके फैलने के पीछे मच्छर में पाए जाने वाले एडीज जिम्मेदार हैं।
चांदीपुरा वायरस के लक्षण
चांदीपुरा वायरस होने से रोगी को बुखार की शिकायत होती है। इसमें फ्लू जैसे ही लक्षण होते हैं और तेज इंसेफेलाइटिस होती है. इंसेफेलाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिससे दिमाग में सूजन की स्थिति पैदा हो जाती है।
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