गरियाबंद. देवभोग मैनपुर के 28 खरीदी केंद्रों का धान संग्रहण केंद्र नहीं भेजना पड़ेगा. अब मिलर्स इसे सीधे मंडी से उठाएंगे. कलेक्टर की पहल पर ऐसा पहली बार हुआ कि 15 दिन के भीतर ही धान का उठाव हो रहा है. 32 मिलर्स के लिए 94 फीसदी धान का डिलवरी आर्डर जारी हुआ, दो दिन में 44 फीसदी का उठाव भी हो गया.

धान खरीदी शुरू होने के एक दिन पहले समिति प्रभारी सुखत की समस्या का हल मिलने के बाद ही काम पर लौटने के लिए अड़े हुए थे, तब कलेक्टर प्रभात मलिक ने भरोसा दिलाया था और खरीदी के 15 दिन के भीतर उसका हल भी ढूढ़ निकाला. देवभोग और मैनपुर ब्लॉक में आने वाले 28 खरीदी केंद्रों से धान उठाव करने के लिए जिले के 32 मिलर्स के साथ टाइअप कर लिया. शुक्रवार को इसका आदेश तैयार होकर शनिवार तक जारी कर दिया गया. मार्कफेड के डीएमओ अमित चन्द्राकर ने बताया कि कलेक्टर के आदेश के बाद 2 लाख 68 हजार क्विंटल का डिलवरी आर्डर मिलर्स के नाम जारी किया गया. डीओ काटे गए धान की मात्रा कुल खरीदी का 94 प्रतिशत है. रविवार रात से गाड़ियां निकली सोमवार से उठाव शुरू हो गया. मंगलवार शाम 4 बजे तक 44 फीसदी यानी 1 लाख 28862 क्विंटल धान का उठाव हो चुका था. 4 से 5 दिन के भीतर पहले चरण का उठाव पूरा हो जाएगा.

ट्रांसपोर्टर की देरी का खामियाजा भुगतना पड़ता था

डीएमओ ने बताया कि अनुबंध के मुताबिक ट्रांसपोर्टर धान उठाव में देरी करता था. 15 ऐसी समिति हैं जहां खरीदी बंद होने के महीने भर बाद भी उठाव नहीं हो पाता था. जब तक धान उठता था, उसके वजन में कमी आ जाती थी, जिसे सुखत कहते हैं. इस सुखत की भरपाई खरीदी प्रभारियों को करना पड़ा था. कलेक्टर की नई और कारगर व्यवस्था से अब सुखत की समस्या नहीं आएगी. देवभोग व्यवस्थापक संघ के अध्यक्ष घनश्याम ठाकुर ने इस पहल के लिए कलेक्टर के प्रति आभार जताया है. उन्होंने बताया कि संग्रहण केंद्र तक खरीदी किए गए धान को भेजने में पसीने छूट जाते थे. आर्थिक क्षति और मानसिक परेशानियों से जूझना पड़ता था. अब तनाव मुक्त काम करने का अच्छा अवसर मिल गया है.

कलेक्टर प्रभात मलिक

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