भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को रेगुलेट करने के लिए फिलहाल कोई कानून नहीं है. ऑनलाइन गेम की बहुत जल्दी लत लग जाती है. इसलिए जो भी लोग इन्हें खेलना शुरू करते हैं वो इन्हें खेले बिना नहीं रह पाते. कई ऑनलाइन गेम एडल्ट के लिए डिजाइन किए जाते हैं मगर रेगुलेशन की कमी की वजह से बच्चे भी उन्हें खेलते हैं. लंबे समय तक गेम खेलते रहने से हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है. लोग बहुत देर तक एक ही पोजिशन में बैठकर या लेटकर खेलते रहते हैं. इससे कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. ऑनलाइन गेमिंग के जरिए कई फ्रॉड किए जा रहे हैं.

ऑनलाइन गेम खेलने वालों में 40 से 45 फीसदी महिलाएं हैं. इसलिए गेमिंग इकोसिस्टम को सुरक्षित बनाना जरूरी है. कोविड के बाद ऑनलाइन गेम्स खेलने वाले लोगों की आबादी 65% बढ़ गई है. देश में करीब 43 करोड़ लोग ऑनलाइन गेम खेलते हैं. ऑनलाइन गेम की लत ने दंपती को तलाक की दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया है.

अतीत में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां ऑनलाइन गेमिंग की लत के कारण पूरा परिवार ही बिखर गया. पैसे का नुकसान हुआ. हाल ही में एक घटना में, बेंगलुरु की एक महिला ऑनलाइन लूडो खेलते समय 4 लाख रुपये से अधिक हार गई. तो वहीं कुछ दिन पहले चर्चाओं में रही उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में एक महिला के लिए लूडो गेम खेलने की लत उस समय खराब हो गई जब उसने खुद को दांव पर लगा दिया क्योंकि उसके पास दांव लगाने के लिए पैसे नहीं थे और वह अपने मकान मालिक से हार गई. एक मामला इंदौर से आया जब एक 23 साल के लड़के ने इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि लूडो में वो बहुत सारे पैसे हार गया था. कर्ज की वजह से परेशान होकर उसने ये कदम उठाया. नोएडा में रहने वाले एक शख्स ने पत्नी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. उसका कहना हैं कि पत्नी एक घरेलू महिला है, ऑनलाइन गेम खेलने की लत उसे लग चुकी है. वो अपने बच्चों पर भी ध्यान नहीं देती.

तेलंगाना पहला राज्य, जहां ऑनलाइन गेमिंग पर है कानून

तेलंगाना में 2017 से ही ऑनलाइन गेमिंग कानून लागू किया गया है. ऑनलाइन गेमिंग में जुआ खेलने वाले को 3 महीने की जेल, 5000 जुर्माना या दोनों सजा दी जा सकती हैं. ऑनलाइन जुए के विज्ञापन के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को एक साल कैद, 5 लाख का जुर्माना या दोनों सजा मिल सकती है. ऑनलाइन गेम के माध्यम से जुआ खिलाने वाला, पैसे या प्रॉपर्टी को ऑनलाइन गेम में दांव पर लगाने का खेल जो भी खिलवाता हुआ पकड़ा जाएगा, उसे 3 साल की कैद, 10 लाख रुपए का जुर्माना या दोनों सजा देने का नियम है. तमिलनाडु कैबिनेट ने ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने वाले एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी.

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