सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर. छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले जिले के अलग-अलग विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ी भाषा में तैयार कर 33 जिलों में मुख्यमंत्री के नाम जिला स्तर में 45 हजार संविदा कर्मचारियों ने ज्ञापन सौंपा. साढ़े चार साल के लम्बे इंतजार के बाद भी बजट में उनकी मांगों को शामिल नहीं किए जाने पर संविदा कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग पर सरकार की मंशा और विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं.
काम बंद करने की रणनीति
संघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि, प्रांतीय आह्वान पर जिले के संविदा कर्मचारी सोमवार को सामूहिक अवकाश में रहते हुए मुख्यमंत्री के नाम नियमितीकरण जल्द करने ज्ञापन सौंपा. विगत दिनों मुख्यमंत्री बघेल ने मीडिया के समक्ष विभागीय अधिकारियों द्वारा जानकारी नहीं दिए जाने का उल्लेख किया गया है, जिसके बाद प्रांत स्तर से नियमितीकरण की जानकारी नहीं तो काम नहीं के तर्ज पर काम बंद करने की रणनीति बनाई गई है. जिसके तहत सोमवार को कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लिया है.
कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हेमन्त सिन्हा, अशोक कुर्रे और प्रदेश प्रवक्त सूरज सिंह ठाकुर और प्रदेश सचिव श्रीकान्त लास्कर ने कहा कि, यदि सरकार अपने घोषणा पत्र में किए हुए वादे पर गंभीरता नहीं दिखाती तो जल्द ही समस्त संविदा कर्मचारी बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.
प्रदेश उपाध्यक्ष संजय सोनी, विजय यादव और संगठन मंत्री परमेश्वर कौशिक ने कहा कि, सीएम बघेल द्वारा विभिन्न मीडिया माध्यमों में यह कहना कि, संविदा कर्मचारियों की जानकारी अभी तक प्राप्त नहीं हुई है, जिसके कारण नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. यह बात गले से नहीं उतरती कि, शासन द्वारा किसी भी संविदा कर्मचारियों की जानकारी प्राप्त करना कोई बड़ी बात नहीं है. जबकि प्रदेश में 4 साल बाद भी यह कार्य नहीं किया गया. इससे यह प्रतीत होता है कि, नियमितीकरण के मामले को सरकार जानबूझकर लटकाने का प्रयास कर रही है. इससे सभी संविदा कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है.
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