रायपुर. राज्य सरकार ने मनरेगा में बाहर से आए श्रमिकों की सहूलियत के लिए पंजीयन की शर्तों में ढील दी है. अब योजना में पंजीयन के लिए 90 दिन की अनिवार्यता की शर्त खत्म कर दी गई है. रायपुर के अपने शासकीय निवास में सरगुजा और कोरिया की समीक्षा बैठक करने के बाद श्रममंत्री शिव डहरिया ये बात कही. डहरिया ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को राज्य सरकार की योजनाओं के सही से क्रियान्वयन के निर्देश दिए.
डहरिया ने कहा कि अब ये भी फैसला किया गया है कि जब तक कोरेंटाइन सेंटर में रहने वाले व्यक्ति की रिपोर्ट न आ जाए. उसे घर जाने नहीं दिया जाएगा भले ही उसने सेंटर में 14 दिन पूरे कर लिए हों. ये फैसला बलौदाबाज़ार में लवन कोरेंटाइन सेंटर में आए एक मामले के बाद लिया गया है. यहां एक मज़दूर को छुट्टी दे दी गई. लेकिन बाद में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई. इस बीच वो कई जगह कोरोना के वायरस फैला चुका था.
डहरिया ने बैठक में कलेक्टरों को निर्देश दिया कि बाहर से आने वाले श्रमिकों को काम और अनाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उनका स्केल मैपिंग हो ताकि उसकी योग्यता के मुताबिक काम मुहैया कराया जा सके. डहरिया ने लोक सेवा गारंटी के नियमों का पालन करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने शासन की योजनाओं का लाभ ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए.
डहरिया ने कहा कि केंद्र सरकार को बार-बार चिट्ठी लिखना लेटर पॉलिटिक्स नहीं है. कुछ समस्याओं के निराकरण के लिए केंद्र सरकार को पत्रों के माध्यम से अवगत कराया जाता है. लेकिन दुर्भाग्य से कार्रवाई होना तो इन पत्रों का जवाब तक नहीं आता. उन्होंने कहा कि ये रवैया देश की संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत है.
डहरिया ने कहा सरोज पांडेय के सरकार गिराने के दावे को खारिज करते हुए केंद्र सरकार पर राज्यों में अव्यवस्था पैदा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कहीं कोई दिक्कत नहीं है. सभी मंत्रियों में बढ़िया तालमेल है.