बरेली. यूपी के बरेली में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. 46 सुहागिन महिलाओं खुद को विधवा बताकर सरकार को चूना लगा रही थीं. इस कार्य में कर्मचारियों की भी मिलीभगत थी. महिलाओं को विधवा दर्शाकर पेंशन देने के नाम पर 6.5 लाख का घोटाला किया गया. इस मामले में डीएम ने जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) और बीडीओ समेत नौ कर्मचारियों पर गाज गिराई है. एक चतुर्थ संविदा कर्मचारी की सेवाएं समाप्त कर दी गई है. इसके साथ ही डीएम ने सभी से जवाब तलब किया है. बता दें कि इस मामले में जांच में बड़ी घपलेबाजी सामने आई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रामनगर ब्लॉक के गोठा खंडुआ गांव में 46 सुहागिन महिलाओं ने मिलीभगत कर खुद को विधवा दर्शाकर 6.5 लाख रुपए का घोटाला किया गया था. जिम्मेदारों देते समय माना जा रहा था कि उन्होंने अपने पद दायित्व को नहीं निभाया. लेकिन जांच में शासकीय कार्यों में लापरवाही बरती गई घपलेबाजी हुई. तत्कालीन डीपीओ नीता अहिरवार, रामनगर ब्लॉक के तत्कालीन बीडीओ आशीष पाल, तत्कालीन पटल सहायक अनुज कुमार वर्मा को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है. पटल सहायक का एक साल का वेतन अस्थायी रूप से रोका गया.

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जिला प्रोबेशन कार्यालय में संविदा पर तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अभिषेक सारस्वत की सेवाएं समाप्त की गई हैं. तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सुरेंद्र कुमार, कुलदीप, करन सिंह, सिद्धार्थ त्रिपाठी, सुगम कुमार, ग्राम पंचायत अधिकारी विपिन कुमार सक्सेना को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ एक वर्ष का वेतन रोका गया है. उन्होंने सफाई दी और खुद को निर्दोष बताने का प्रयास किया, लेकिन इससे संतुष्ट न होने पर डीएम ने यह कार्रवाई की है.

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