इंदौर. मध्यप्रदेश सरकार को जबलपुर हाईकोर्ट की इंदौर बैंच ने नोटिस जारी किया है. ये नोटिस राज्य सरकार द्वारा 5 संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने पर जारी किया गया है.

गौरतलब है कि राज्य शासन ने प्रदेश के विभिन्न चिन्हित क्षेत्रों विशेष रूप से नर्मदा के किनारे वृक्षारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति निंरतर जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए विशेष समिति गठित की थी. इस समिति में नर्मदानन्द, हरिहरानंद, कंप्यूटर बाबा, भैय्यू महाराज और पंडित योगेंद्र महंत को शामिल किया गया था. सभी सदस्यों को राज्य मंत्री का दर्जा देने की बात कही गई थी.

राज्य सरकार के इसी फैसले को हाईकोर्ट की इंदौर बेंच मे चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ता रामबहादुर शर्मा ने पांचों धार्मिक नेताओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने को लेकर याचिका दाखिल की थी. जिस पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया गया है. दरअसल, इस फैसले को लेकर विवाद इसलिए खड़ा हो गया क्योंकि कंप्यूटर महाराज ने इंदौर में 28 मार्च को एक बैठक करके नर्मदा घोटाला यात्रा निकालने का ऐलान किया था. संतों ने नर्मदा किनारे हुए वृक्षारोपण में बड़े घोटाले का आरोप लगाया था. इसके बाद सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया. जिससे फैसले पर सवाल उठने लगे थे.