यश खरे, कटनी। गरीबों के घर का सपना पूरा करने पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना को नगर निगम के अफसर पलीता लगा रहे हैं। निर्माण में बेपरवाही ऐसी कि तीन साल पहले हितग्रहियों को मिलने वाला आवास आज भी अधर में है। ऐसे में गरीबों का सपना भी टूटने लगा है। ताज्जुब की बात ये है कि ठेकेदार को 5 करोड़ का अधिक भुगतान कर दिया गया है।

3023 करोड़ से बनाए जा रहे 4316 आवास

जानकारी अनुसार दो साल पहले शहर के 4316 लोगों को पक्की छत मुहैया करा देनी थी, लेकिन 3 हजार 256 जरुरतमंद लोगों के लिए चार साल बाद भी नगर निगम के अफसर आवास उपलब्ध नहीं करा पाए। बता दें कि बड़ी संख्या में लोग कहीं कब्जा कर, तो कहीं किराये के मकान में गुजारा कर रहे हैं। निगम कटनी द्वारा झिंझरी और प्रेमनगर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 हजार 312 आवासों का निर्माण कराया जा रहा है। दोनों ही योजनाओं में 3022.99 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। जानकार ताज्जुब होगा कि दोनों ही योजनाओं की मियाद पूरी हो गई है, लेकिन अभी तक झिंझरी में ठेकेदार एक भी आवास देने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि एक साल से अधिक समय से ठेकेदार बलराम शुक्ला ने काम बंद कर रखा है।

केवल मियाद और नोटिस

इधर छह माह से नगर निगम आयुक्त लापरवाह ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई की बात कह रहे हैं, लेकिन अभी तक केवल जांच और नोटिस की बात ही सामने आई है। वहीं हैरानी की बात तो ये है कि अधूरे काम के बावजूद ठेकेदार को 5 करोड़ रुपए अधिक भुगतान कर दिया गया है।

झिंझरी में ऐसी है निर्माण की स्थिति

झिंझरी में 1512 आवासों का निर्माण होना है, जिसकी लागत लगभग 112 करोड़ है। यहां पर ईडब्ल्यूएस के 792, जिसमें जी/पी+3, एलआइजी के 384 पी+6 व एमआइजी के 336 पी+6 फ्लैट बनने हैं। 113.05 करोड़ की टेंडर लागत व एग्रीमेंट लागत 117.46 करोड़ रुपए तय की गई है। 30 नवंबर 2017 से 18 माह में काम पूरा करना था। 30 मई 19 को मियाद पूरी हो गई थी, फिर भी निर्माण अधर में लटका रहा। उसके बाद एमआइसी ने 29 मई 2020 तक के लिए वर्षाकाल छोड़कर 8 माह के लिए फिर मियाद बढ़ा दी, बावजूद ठेकेदार ने एक साल से काम बंद कर रखा है।

ये है प्रेमनगर में आवासों का हाल

प्रेमनगर में 2800 पीएम आवास बनने हैं। यहां पर ईडब्ल्यूएस के 1744, जिसमें जी/पी+3, एलआइजी के 1056 पी+6 बनने हैं, जिसकी टेंडर लागत 196.53 करोड़, एग्रीमेंट लागत 205.53 करोड़ है। 4 दिसंबर को 24 महीने के लिए मियाद थी। 3 दिसंबर 19 तक कार्य पूर्ण होना था। पर काम अधर में है। यहां पर एलआइजी की कीमत 16.30 लाख रुपये व व्यावसायिक भूमि की कीमत 10 हजार 500 रुपए स्क्वेयरमीटर निर्धारित की गई थी। अभी तक यहां सिर्फ 112 को पजेशन मिला है और 132 आवास का काम जारी है।

आवासों के ये है कीमत

अधिकारी के अनुसार झिंझरी भवनों की कीमत इडब्ल्यूएस- 2 लाख रुपए, एलआइजी- 16.50 लाख रुपए, एमआइजी- 25.25 लाख रुपए और व्यावसायिक- 11 हजार स्क्वेयर मीटर है।

ठेकेदार को करेंगे ब्लैक लिस्टेड

मामले में निगम आयुक्त सत्येंद्र कुमार धाकरे का कहना है कि कोविड के कारण योजना काफी प्रभावित हुई है। झिंझरी में ठेकेदार को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। बातचीत चल रही है। एक सप्ताह के अंदर निर्णय न होने पर ब्लेक लिस्टेड कर दिया जाएगा। प्रेमनगर में काम चल रहा है। कुछ को पजेशन दे दिया गया है। काम में तेजी आए, इसे लेकर नोडल अधिकारी को निर्देशित करेंगे।