मनोज यादव, कोरबा. जिले के ग्राम कुरूडीह में मौत का भय फैला हुआ है. दस दिन में पांच लोगों की मौत हो गई. इससे स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े हो गए हैं. 22 सितंबर से यहां 24 घंटे तक कैंप लगाया गया है. फिलहाल मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो पा रही है. मरने वाले सभी पुरुष हैं, जिसमें 14 से 20 वर्ष के युवक शामिल है.
अज्ञात बीमारी की जकड़ में आकर 10 दिन के अंदर 5 लोगों की मौत ने स्वास्थ्य अमले को भी सन्नाटे में भर दिया. मेडिकल कॉलेज बिलासपुर और रायपुर की टीम भी पहुंची. लेकिन बीमारी की जड़ पकड़ में नहीं आ रहा है. सामान्य सर्दी खांसी से शुरू होने वाली बीमारी सीने में दर्द के बाद मौत पर जाकर खत्म हो रही है.
बीएमओ डॉ दीपक राज ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने गांव में 22 सितंबर से कैंप लगाया है. इस कैंप में 24 घंटे स्वास्थ्य अमले की तैनाती रहती है, जो विपरीत परिस्थितियों को नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रही है यहां दवाओं का भी पर्याप्त स्टाफ रखा गया है.
जिनके घर की रोशनी बुझ गई है, वहां घोर उदासी है. लगातार मौत से गांव में अंधविश्वास पनप रहा है. स्थिति यह हो गई है कि अब गांव में कोई मेहमान आना नहीं चाहता. मृतक प्रीतम सी कक्षा ग्यारहवीं का छात्र था और वो पढ़ाई लिखाई में होनहार और सब का लाडला था. लेकिन कुछ दिनों पहले उसे हल्की बुखार के साथ उल्टी दस्त होने लगा और तबीयत बिगड़ते ही उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई.
जिस बहन का भाई छिन गया उसकी पीड़ा को बयां नहीं किया जा सकता. इकलौते भाई की मौत से पूरा घर उजड़ गया. इस घर में ऐसा अंधेरा फैला कि अब प्रकाश की संभावना ही नहीं बची. मृतका की बहन की मानें तो कुछ ही दिनों पहले ही वह अपने भाई को स्वस्थ देखकर अपने ससुराल गई थी लेकिन अचानक उसकी मौत होने के बाद अब दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.
स्वास्थ्य अमला भी इस बीमारी को लेकर सजग है, लेकिन बीमारी के बारे में पता नहीं लगा पाई है. मेडिकल कॉलेज की टीम ने कुछ सैंपल एकत्रित किया है. इसकी जांच के बाद ही मौत के रहस्य से पर्दा उठेगा.