छत्तीसगढ़ में हाथियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य में सप्ताह भर में 5 हाथियों की मौत हो चुकी है. इन सभी की जान 9 जून से लेकर 16 जून के बीच गई है. सोमवार को धमतरी में नन्हें हाथी और मंगलवार को रायगढ़ में एक हाथी ने दम तोड़ दिया है.

रायपुर। रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ में करेंट की चपेट में आने से एक हाथी की मौत हो गई है. यह घटना सुबह 5 बजे गेरसा गांव में हुआ है. वन विभाग भी बिजली के अवैध कनेक्शन के नंगे तार से हाथी की मौत होना मान रही है. जानकारी मुताबिक गेरसा गांव के किनारे खेत में स्थित बोरपंप में प्रवाहित बिजली के चपेट में आकर हाथी की मौत हुई है. घटना की सूचना के बाद वन अमला मौके पर पहुंचा हुआ है. मामले में पुलिस ने भादोराम राठिया और बाल सिंह नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया है. क्योंकि यही लोग पिछले कई साल से खेत में बिजली के नंगे तार बिछा रखे थे.

दलदल में फंसने से हाथी के बच्चे की गई जान

धमतरी जिले के उरपुट्टी गांव के माडमसिल्ली के जंगल में भी 15 जून को एक हाथी के बच्चे की मौत हुई है. इसकी मौत की वजह दलदल में फंसने से होना बताया जा रहा है. दरअसल गरियाबंद जिले के जंगलों से होते हुए 21 हाथियों का झुंड धमतरी जिले में पहुंचा था. करीब पखवाड़े भर पहले हाथियों के इस झुंड को मगरलोड क्षेत्र के राजाडेरा जलाशय के पास देखा गया था. जिसमें हाथी के 4 से 5 बच्चे भी शामिल थे. हाथियों का झुंड उत्तर सिंगपुर, दक्षिण सिंगपुर, केरेगांव वन परिक्षेत्र होते हुए धमतरी वन परिक्षेत्र के गंगरेल डूबान पहुंचा था. करीब एक सप्ताह से ये हाथी इसी इलाके में विचरण कर रहे थे. इसी बीच आज सुबह खबर आई कि ग्राम उरपुटी-मोंगरी के पास नाले के दलदल में फंसने से हाथी के एक बच्चे की मौत हो गई. वन विभाग की टीम मौके पर है.

पहले हो चुकी है 3 हथिनी की मौत

इससे पहले सूरजपुर जिले के प्रतापपुर में 9 और 10 जून को एक गर्भवती हथिनी समेत दो हथिनी की मौत हुई थी. गर्भवती हथिनी की मौत की वजह लिवर में इन्फेक्शन था. वही बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र के अतौरी के जंगल में भी 11 जून को एक हथिनी का शव मिला था. उसकी मौत 3 से 4 दिन पहले हुई थी, लेकिन शव बाद में बरामद हुआ था.