अफ्रीकी देश माली में एक बार फिर भारतीय नागरिकों के अपहरण की गंभीर घटना सामने आई है। पश्चिमी माली के कोबरी इलाके में गुरुवार (6 नवंबर 2025) को अज्ञात बंदूकधारियों ने एक विद्युतीकरण परियोजना पर काम कर रहे पाँच भारतीय श्रमिकों को अगवा कर लिया है। जानकारी के अनुसार, जिस कंपनी के लिए ये श्रमिक काम करते थे, उसके प्रतिनिधि ने अपहरण की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद, अन्य सभी भारतीय कर्मचारियों को तुरंत राजधानी बमाको में सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा दिया गया है।
अल-कायदा और ISIS के आतंकियों पर संदेह
हालाँकि, अभी तक किसी भी संगठन ने इस अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इसके पीछे अल-कायदा और ISIS से जुड़े आतंकवादी समूहों का हाथ होने का शक जताया जा रहा है। गौरतलब है कि इसी साल जुलाई में भी तीन भारतीय नागरिकों का माली में अपहरण हुआ था। उस समय अल-कायदा से जुड़े आतंकी संगठन जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुसलमीन (JNIM) ने जिम्मेदारी ली थी।
माली पिछले एक दशक से तख्तापलट और खतरनाक आतंकवाद से जूझ रहा है। यहाँ विदेशी नागरिकों का अपहरण फिरौती के लिए आम हो गया है। साहेल क्षेत्र (जिसमें माली भी शामिल है) को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र माना जाता है, जहाँ दुनिया में आतंकवाद से होने वाली आधी से अधिक मौतें होती हैं। सरकारी आँकड़ों के अनुसार, इस समय लगभग 400 भारतीय नागरिक माली में काम कर रहे हैं, जो ज्यादातर कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं से जुड़े हैं।
जुलाई में भी हुआ था भारतीयों का अपहरण
यह पहला मामला नहीं है. जुलाई 2025 में भी तीन भारतीयों का अपहरण किया गया था, जिनमें राजस्थान, ओडिशा और तेलंगाना के नागरिक शामिल थे. उस घटना की जिम्मेदारी अलकायदा से जुड़े संगठन जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुसलमीन (JNIM) ने ली थी. JNIM पिछले कुछ वर्षों में माली में कई हिंसक हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है.
400 से अधिक भारतीय माली में कर रहे काम
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, करीब 400 भारतीय नागरिक वर्तमान में माली में रहते और काम करते हैं. इनमें से अधिकतर कंस्ट्रक्शन, माइनिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से जुड़े हैं. लगातार बढ़ते आतंकी हमलों और अपहरण की घटनाओं के कारण अब उनकी सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.
फिरौती और अपहरण का गढ़ बना माली
माली का साहेल क्षेत्र (जिसमें नाइजर और बुर्किना फासो शामिल हैं) लंबे समय से आतंकी गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है. 2012 में तख्तापलट और सैन्य संघर्षों के बाद से यहां हिंसा लगातार बढ़ रही है. सितंबर 2024 में JNIM के जिहादियों ने दो अमीराती और एक ईरानी नागरिक का अपहरण किया था, जिन्हें बाद में 5 करोड़ डॉलर की फिरौती देकर रिहा कराया गया.
दुनिया का आतंकी केंद्र बनता साहेल
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स (GTI) के मुताबिक, साहेल क्षेत्र अब दुनिया में आतंकवाद का नया एपिसेंटर बन चुका है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में आतंकवाद से होने वाली आधी से ज्यादा मौतें इसी क्षेत्र में होती हैं.
भारत सरकार की निगरानी
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर अभी तक आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, भारतीय दूतावास लगातार स्थानीय प्रशासन के संपर्क में है. अपहृत भारतीयों की सुरक्षित रिहाई के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं.
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