Bihar Crime: बिहार के पूर्णिया से आज सोमवार (7 जुलाई) को एक बेहद ही भयावह और हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां, एक गांव में एक ही परिवार के 5 सदस्यों को जिंदा जलाकर उनकी निर्मम हत्या कर दी गई. आरोपियों ने डायन बताकर उन्हें आग के हवाले कर दिया. पूरा मामला मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के टेटगामा गांव की है. घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई. वहीं, सभी आरोपी गांव छोड़कर फरार हो गए. पुलिस उनकी तलाश कर रही है.

जानें क्या है पूरा मामला?

दरअसल, गांव के रामदेव उरांव के बेटे की तीन दिन पहले झाड़-फूंक और देसी इलाज के दौरान मौत हो गई थी, और दूसरे बेटे की भी तबीयत बिगड़ रही थी. इसके बाद गांववालों ने इस मौत के लिए इस परिवार को जिम्मेदार ठहराया और उस पर ‘डायन’ होने का आरोप लगाते हुए पहले उनके साथ मारपीट की और फिर बाद में उन्हें आग के हवाले करते हुए जिंदा जलाकर उनकी निर्मम हत्या कर दी.

मृतकों की पहचान बाबूलाल उरांव, सीता देवी, मनजीत उरांव, रनिया देवी और तपतो मोसमत के रूप में हुई है. ये सभी एक ही परिवार के सदस्य थे. इस भयावह घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है. कई ग्रामीण डर के मारे अपने घर छोड़कर जा चुके हैं.

जांच में जुटी पुलिस, एक आरोपी गिरफ्तार

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की गई. घटनास्थल पर डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिक टीम (एफएसएल) को भी जांच के लिए बुलाया गया है. अब तक इस मामले में नकुल कुमार नामक एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जिस पर आरोप है कि उसने गांववालों को उकसाया और परिवार को आग के हवाले करने के लिए भड़काया.

एकमात्र बचे वारिस ललित ने सुनाई आपबीती

इस परिवार के एकमात्र बचे सदस्य ललित ने घटना को बयां करते हुए बताया कि, गांववालों ने डायन होने का आरोप लगाकर पहले पूरे परिवार को बुरी तरह पीटा और फिर उन्हें जिंदा आग के हवाले कर दिया. ललित किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से भाग सका. उसने बताया कि जले हुए शवों को बाद में पानी में फेंक दिया गया. घटना को लेकर ललित अभी भी सदमे में है, जबकि पुलिस बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है.

यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अंधविश्वास किस हद तक इंसान को हैवान बना सकता है?

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