सुकमा। 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 5 नक्सलियों ने डीआईजी सीआरपीएफ और एसपी शलभ सिन्हा के सामने सरेंडर किया है. सरेंडर करने वालों में 8 लाख का इनामी बोड्डू वेंकेटेश डीवीसी मेम्बर भी शामिल है. यह नक्सली 2010 में ताड़मेटला में 76 जवान की शहादत की घटना में शामिल था. नक्सलियों ने पहली बार काले झंडे की जगह तिरंगा फहराया है.

आत्मसमर्पित नक्सली बोड्डू व्यंकटेश उर्फ राजीव वर्ष 2006 में एर्राबोर थानांतर्गत आसिरगड़ा के पास पुलिस के वाहन आईईडी ब्लास्ट किया था, जिसमें 10 एसपीओ, 1 ड्राइवर की मौत हुई थी. वर्ष 2009 में मुरलीगुड़ा-बण्डा (थाना कोंटा क्षेत्रांतर्गत) के बीच पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी पर फायरिंग में 2 जवान शहीद और 9 हथियार लूटे गए थे. वर्ष 2010 मुकरम (ताड़मेटला) हमला में 76 जवान शहीद हुए थे. वर्ष 2016 में पाइदारा में एक एसओजी जवान पर हमला कर हत्या करना समेत कई नक्सली घटनाओं में शामिल था. इसके अलावा सरेंडर नक्सलियों में उण्डाम सन्ना, सन्ना मरकाम, महिला नक्सली मड़कम सोनी और पोडियम देवा है.

सभी ने शासन-प्रशासन के पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नक्सली संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण किया. आज का दिन इनके लिए बहुत खास है, क्योंकि 15 अगस्त के दिन को नक्सलियों द्वारा काला दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसीलिए ये सभी आज स्वतंत्रता दिवस के दिन आत्मसमर्पण कर स्वतंत्रता दिवस को बहुत हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया. इन सभी नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने में जिला बल के साथ साथ सीआरपीएफ 223 वाहिनी व 208 कोबरा का भी विशेष योगदान रहा. आत्मसमर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन की राहत एवं पुनर्वास योजना के तहत नियमानुसार सहायता प्रदान किया गया है.