चंडीगढ़। केंद्र सरकार पंजाब की 5 प्रमुख नदियों का जल्द ही कायाकल्प करने जा रही है. रावी, ब्यास, सतलज, चिनाब और झेलम के तटों को पक्का करने के साथ ही नदी के किनारों पर वनीकरण किया जाएगा. केंद्र सरकार ने इन नदियों को पर्यटन के दृष्टिकोण से भी विकसित करने की योजना बनाई है. केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने हाल ही में बयान दिया था कि केंद्र नमामि गंगे योजना के जरिए राज्यों को वित्तीय सहायता देकर नदियों का संरक्षण और कायाकल्प करने जा रहा है.

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पहले चरण के लिए केंद्र ने 160 करोड़ रुपए किए मंजूर

पांचों नदियों का कायाकल्प विभिन्न चरणों में किया जाएगा. पहले चरण के लिए केंद्र ने 160 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं. केंद्र सरकार सभी पांचों नदियों के तटों को मजबूत करेगी. वहीं पंजाब वन विभाग पौधारोपण और अन्य संबंधित गतिविधियों को क्रियान्वित करेगा. नदियों के किनारों पर वृक्षारोपण से मिट्टी के कटान पर भी रोक लगेगी. वहीं भूजल में भी बढ़ोतरी होगी. एक अनुमान के मुताबिक नदियों के कायाकल्प के लिए होने वाले कामों के बाद भूजल में काफी फायदा होगा. इन्हें देहरादून स्थित भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (ICFRI) ने संबंधित राज्यों के राज्य वन विभागों की सलाह से तैयार किया गया है. प्रस्तावित कार्यों में नदी के किनारों पर वनीकरण, मिट्टी के कटाव को रोकने के उपाय, भूजल पुनर्भरण, पारिस्थितिक बहाली और नदी के मोर्चों को विकसित करके पर्यावरण पर्यटन का विकास किया जाएगा.

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जल, जंगल, जमीन बचाने के लिए पंजाब सरकार प्रतिबद्ध

बता दें कि भगवंत मान सरकार जल, जंगल और जमीन बचाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. वनों के संरक्षण के लिए सरकार कई कदम उठा रही है. केंद्रीय योजनाओं का भी लाभ लेने की कोशिश जारी है. पंजाब के वन मंत्री लाल चंद कटारूचक ने कहा कि वनीकरण के लिए राज्य सरकार आम आदमी की सहभागिता बढ़ाने पर विचार कर रही है.

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