अनिल सक्सेना, रायसेन। जिले के सुल्तानपुर तहसील के ग्राम सालेगढ़ के प्राथमिक शाला के शिक्षक नीरज सक्सेना आगामी 5 सितंबर को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होंगे।

एक ऐसा शिक्षक जिसकी पहली पोस्टिंग पर सभी मित्रों ने कहा की एक ऐसे गांव में जहां जाने के लिये सड़क तक नहीं है। वहां कैसे जाकर पढ़ाओगे, तुम ये नौकरी मत करो। इसके बाद भी नीरज सक्सेना ने उस स्कूल में नौकरी ज्वाइन भी की और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सालेगढ़ के शासकीय प्राथमिक शाला को अपनी मेहनत से ऐसा कर दिया कि पूरे क्षेत्र के बच्चे फटाफट अंग्रेजी में बात करते हैं। इस सरकारी स्कूल देखकर लगता है कि ये कोई प्रायवेट स्कूल है।

बता दें कि ग्राम सालेगढ़ में जाने के लिए आज भी रास्ता नहीं है और सुल्तानपुर मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर है। शिक्षक नीरज सक्सेना ने अपनी मेहनत और जज्बे के दम से एक-एक करके बच्चों को घर घर जाकर बुलाया और बच्चों को पढ़ाई के लिये मनाया। इसके बाद आज हालात ऐसे हैं कि उस स्कूल को देखकर नहीं कह सकते कि यह कोई
पब्लिक स्कूल से कमतर है। नीरज सक्सेना इसे अपने परिवार और बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद और अपने इष्ट मित्रों की दुआ का असर बताते हैं।

बता दें कि पिछले वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय ने शिक्षक नीरज सक्सेना को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है। नीरज का एक वीडियो पिछले वर्ष सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था जिसमें बच्चों की कॉपी किताबों को बैलगाड़ी पर रखकर वह स्वयं गांव की तरफ ले जा रहे थे। इस वीडियो से पूरे देश में वे चर्चा में आये थे। वे रोज नए आयाम स्थापित करते जा रहे हैं। पहले रायसेन जिले में सम्मानित हुए उसके बाद भारत सरकार ने ब्रांड एंबेस्डर बनाया और अब देश के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा आगामी 5 सितंबर को एक बार फिर सम्मानित होंगे।

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