दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(Rekha Gupta) ने शुक्रवार को 50 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर संचालन के लिए रवाना किया। इनमें 12 मीटर लंबी 30 बसें और 9 मीटर लंबी 20 ई-बसें शामिल हैं। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने तेहखंड डिपो में दूसरे स्वचालित वाहन परीक्षण स्टेशन का भी शिलान्यास किया। लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह स्टेशन अगले वर्ष मार्च तक तैयार होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण पर चर्चा होने पर वाहन प्रदूषण को हमेशा एक प्रमुख कारण बताया जाता है। ऐसे में इलेक्ट्रिक बसों का विस्तार और आधुनिक टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक अहम कदम है।
उन्होंने दिल्ली की पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि राजधानी की सड़कों पर करोड़ों वाहन चलते हैं, जिनमें से साढ़े छह लाख व्यावसायिक वाहन सबसे अधिक प्रदूषण का कारण बनते हैं। इतने बड़े पैमाने पर वाहनों की फिटनेस जांच और प्रमाणन के लिए सरकारी तंत्र में पर्याप्त सुविधाएँ मौजूद नहीं थीं। पिछली सरकार के दौरान केवल एक फिटनेस टेस्टिंग सेंटर संचालित हो रहा था, जिसकी क्षमता सालभर में मात्र 47 हजार वाहनों की जांच तक सीमित थी।
प्रदूषण पर उठाए गए दो अहम कदम
उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को कम करने के लिए सरकार ने दो प्रमुख कदम उठाए हैंपहला, बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसों को सड़कों पर उतारना और दूसरा, वाहनों की फिटनेस जांच के लिए स्वचालित टेस्टिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाना। इसी क्रम में पहले नंद नगरी में स्वचालित टेस्टिंग सेंटर की स्थापना शुरू की गई, जिसकी वार्षिक क्षमता 72 हजार वाहनों की फिटनेस जांच की होगी। इसके बाद अब तेहखंड डिपो में दूसरे सेंटर का निर्माण शुरू किया गया है। इस केंद्र की क्षमता भी प्रति वर्ष 72 हजार वाहनों की फिटनेस जांच की ही रहेगी।
सरकार बुराड़ी और झुलझुली स्वचालित टेस्टिंग स्टेशनों को भी अपग्रेड करने जा रही है। अपग्रेड होने के बाद बुराड़ी स्टेशन में एक लाख वाहनों की फिटनेस जांच की क्षमता होगी। सरकार की प्राथमिकता है कि इस वर्ष के भीतर सभी चारों स्वचालित टेस्टिंग स्टेशन पूरी तरह तैयार हो जाएँ, ताकि बड़ी संख्या में वाहनों की फिटनेस जांच पूरी तरह ऑटोमेटेड तरीके से की जा सके। उन्होंने कहा कि दिल्ली में ई-वाहनों के माध्यम से प्रदूषण कम करने के प्रयास भी तेजी से जारी हैं। इसी क्रम में 50 नई इलेक्ट्रिक बसें सेवा में उतारी गई हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने दस वर्षों में केवल 2,000 ई-बसें सड़कों पर उतारी थीं, जबकि भाजपा सरकार ने केवल आठ महीनों में 1,350 इलेक्ट्रिक बसें संचालन में लाई हैं। आगे चलकर ई-बसों की संख्या को और बढ़ाने की योजना है।
कांग्रेस-आप सरकारों ने खराब स्थिति में छोड़ा
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में मेट्रो नेटवर्क का लगातार विस्तार किया जा रहा है और मेट्रो दिल्ली को भाजपा सरकार की ही देन है। उन्होंने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदूषण पर सवाल उठाने वाली इन सरकारों ने राजधानी को बदहाल स्थिति में छोड़ा कूड़े के पहाड़, टूटी सड़कों, गंदे नालों और प्रदूषित वातावरण की समस्या पिछली सरकारों की विरासत है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि कूड़े के पहाड़ों के निस्तारण की प्रक्रिया तेजी से जारी है। अब तक 48.50 लाख मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण किया जा चुका है, जिनमें से केवल आठ महीनों में 17 लाख मीट्रिक टन कूड़ा हटाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष के अंत तक शेष 30 लाख मीट्रिक टन कूड़े का भी निस्तारण कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की समस्याओं को दूर करने में थोड़ा समय जरूर लग सकता है, लेकिन सरकार की नीति और नियत दोनों स्पष्ट हैं। इसी वजह से दिल्ली लगातार विकास की ओर आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार स्वच्छता, प्रदूषण नियंत्रण, कूड़े के पहाड़ों के निस्तारण और यमुना की सफाई सभी मोर्चों पर मजबूती से काम करेगी।
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