समीर शेख बड़वानी। सरकार के दावे के विपरीत सरकारी अस्पतालों में गरीब मरीजों को नि:शुल्क इलाज मामले में राहत नहीं मिल रही है। सरकारी जिला अस्पताल में नि:शुल्क मरहम पट्टी का भी पैसा लेने का मामला सामने आया है। वहीं मामला सामने आने के बाद सिविल सर्जन ने कहा है कि अगर किसी ने व्यक्तिगत पैसा लिया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार और प्रशासन लाख दावे करें लेकिन हकीकत कुछ और ही है। हम बात कर रहे है बड़वानी जिला अस्पताल की, जहां न कोई देखने वाला है न ही कोई सुनने वाला। ऐसे में दादी को लेकर आया एक पोता खुद ही स्ट्रिंग ऑपरेशन कर यहां के हालात बता रहा है। ग्राम नंदगांव निवासी रूपेश अवासीया ने मीडिया को वीडियो देते हुए बताया कि उसकी दादी का हाथ फ्रेक्चर हो गया था। जिसे वे जिला अस्पताल लेकर आया।

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यहां डॉक्टर ने जांच के बाद उसे कच्ची पट्टी लगवाकर आने कहा। जब वे पट्टी बंधवाने आया तो वहां उससे 50 रुपये मांगे गए। रुपए देने के बाद ही पट्टी बांधी गई। रूपेश ने देखा कि पैसे देने वाला वे अकेला नहीं बल्कि वहां सभी से रुपए लिये जा रहे थे। उन्होंने पैसे देते खुद का वीडियो बनाकर मीडिया को सौंप दिया। वहीं इस मामले में सिविल सर्जन डॉ अरविंद सत्या ने कहा कि रसीद सिर्फ रोगी कल्याण समिति की कटती है। अगर किसी ने व्यक्तिगत रुपए लिए है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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