राजधानी दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सरकार ने 50 हजार नए सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है। PWD की हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और इसे मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। विभाग का कहना है कि मंजूरी मिलते ही जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।

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अब तक की स्थिति

दिल्ली में पहले ही दो चरणों में 2.71 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी सरकार के समय पहले और दूसरे चरण में कुल 2.80 लाख कैमरे लगाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन इनमें से 9,000 कैमरे अभी भी नहीं लगाए जा सके हैं। अधिकारियों के अनुसार, इन कैमरों की स्थापना की प्रक्रिया जारी है और इसके लिए विधायकों से स्थान संबंधी सुझाव मांगे गए हैं।

नई योजना और बजट

सरकार ने निगरानी तंत्र को और मजबूत करने के लिए अतिरिक्त 50 हजार कैमरे लगाने का प्रस्ताव बनाया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए इसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। योजना के अनुसार, पूरे काम को 12 महीने में पूरा किया जाएगा।

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अगले 8 महीनों में कैमरों की स्थापना पूरी होगी

सूत्रों के अनुसार, इस बार अधिकारियों को न केवल कैमरे लगाने बल्कि उन्हें चालू हालत में बनाए रखने के भी कड़े निर्देश दिए गए हैं। हाल ही में रिपोर्ट आई थी कि कई जगह पहले से लगे कैमरे बंद पड़े हैं।

स्ट्रीट लाइट्स पर भी जोर

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने निर्देश दिया कि दिल्ली की सड़कों पर निगरानी और सुरक्षा प्राथमिकता है। कैमरों के साथ डार्क स्पॉट्स खत्म करना भी सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने जहां-जहां स्ट्रीट लाइट्स बंद हैं, उन्हें तुरंत ठीक कराने और इस संबंध में एक विशेष मुहिम चलाने के निर्देश दिए हैं।

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फिलहाल की स्थिति

2.80 लाख कैमरों की योजना थी।

2.71 लाख कैमरे लगाए जा चुके हैं।

9,000 कैमरे अभी लगने बाकी हैं।

आगे की योजना

50 हजार नए कैमरे लगाए जाएंगे।

100 करोड़ का बजट तय।

12 महीने में काम पूरा होगा।