सदफ हामिद, भोपाल। प्रदेश की शिवराज सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। बिजली कर्मी, जूडा और अब नर्सों ने भी सरकार के सामने चुनौती पेश कर दी है।

नर्सों ने 9 जून तक उनकी मांगों का निराकरण नहीं किये जाने के बाद 10 जून से उन्होंने चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी थी। जिसके बाद आज से नर्सों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध-प्रदर्शन शुरु कर दिया है। वहीं मांगे पूरी नहीं होने पर 24 जून से कामबंद हड़ताल का ऐलान किया है।

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ये है मांगें

वेतन विसंगति, ग्रेड पे, इंक्रीमेंट, नाइट अलाउंस, के साथ ही पदनाम बदलने की मांग शामिल है। नर्सों का कहना है कि उच्च स्तरीय वेतनमान, सेकंड ग्रेड अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश में कार्यरत समस्त नर्सिंग स्टाफ को दिया जाए।

आपको बता दें इससे पहले जूडा हड़ताल पर चला गया था। 7 दिनों की हड़ताल के बाद सरकार के साथ बातचीत में उनकी मांगों को लेकर सहमति बनी। जिसके बाद जूडा ने अपनी हड़ताल वापस ले ली थी। जूडा की हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका असर पड़ा था।

अब नर्सों के हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप्प होने का अंदेशा है। हालांकि सरकार के पास नर्सों को मनाने के लिए तकरीबन 13-14 दिन है।

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