मोहाली. 5 सालों के दौरान चिट फंड और डिजिटल क्वाइन में पैसा लगा कर उसे दोगुना करने का लालच देकर 30 से लेकर 50 हजार लोगों के साथ करीब 198 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. साथ ही तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जबकि 5 अन्य की तलाश में छापेमारी की जा रही है. Read More- Punjab News: जालंधर सेशन कोर्ट का फैसला, हत्या के मामले में दोषी को उम्रकैद

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान श्याम शर्मा निवासी जीरकपुर, सुनील कुमार और अश्वनी कुमार दोनों निवासी धनास के रूप में हुई है. श्याम मूल रूप से मंडी गोविंदगढ़ जिला फतेहगढ़ साहिब का रहने वाला है, जबकि सुनील और अश्वनी जिला हमीरपुर के गांव पुठियाना (हिमाचल प्रदेश) के रहने वाले हैं. इस केस में पुलिस को इनके पांच अन्य साथियों की तलाश है. पुलिस ने आरोपियों से 5 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 10 बैंकों के खातों की चेक बुक और दस्तावेज, 13 एटीएम कार्ड बरामद किए हैं. आरोपियों के खिलाफ 1 सितंबर को जलवायु टावर सन्नी एनक्लेव खरड़ के मनीष गोगना ने जीरकपुर थाने में मामला दर्ज करवाया था.

एसएसपी डॉ. संदीप कुमार गर्ग ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि जांच में यह बात सामने आई है कि गिरोह ने वर्ष 2019 में बिटक्वॉइन के नाम से अपनी स्कीम शुरू की थी. उन्होंने कम समय में पैसे दोगुने करने, पैसे को बाजार में लगा कर कम समय में ज्यादा मुनाफा दिलवाने और स्कीम में अधिक से अधिक मेंबर जोड़ने पर आकर्षक कमीशन दिए जाने का प्रलोभन देकर अपने साथ जोड़ा. गिरोह ने 2021 में डीजीटी क्वाइन, 2022 में हाइपेनैक्ट क्वाइन और 2023 में ए ग्लोबल स्कीम चलाई थी. गिरोह ने इन 4 सालों के दौरान 30 से 50 हजार लोगों को अपने साथ जोड़ कर उनसे करीब 198 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 406, 420, 120बी व चिट फंड एक्ट 1982 की धारा (4), (5), (12), (18), (76) के तहत मामला दर्ज किया था.