बिलासपुर। रतनपुर इलाके में अंतिम संस्कार कार्यक्रम में पहुंचे करीब 50 ग्रामीण उल्टी दस्त के शिकार हो गए. इस दौरान नीम-हकीम को बुलाकर लोगों ने दवाइयां ली, लेकिन इससे ग्रामीणों की स्थिति और बिगड़ गई. आनन-फानन में मरीजों को रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. जहां इलाज के बाद सिम्स रेफर कर दिया गया.

पूरा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर का है. रविवार की शाम वनांचल केंदा बेलगहना क्षेत्र के ग्राम आमामुड़ा में अंतिम संस्कार में शामिल 50 से अधिक ग्रामीणों को देर रात से उल्टी दस्त होने लगी. पहले तो ग्रामीणों ने इसे सामान्य तौर पर लिया और स्थानीय नीम हकीम को बुलाकर सुई लगाकर दवाइंया ली.

स्थिति में सुधार नहीं होने पर ग्रामीणों ने घटना की जानकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र केंदा को दी. जहां से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम आमामुडा पहुंची. जहां ग्रामीणों की बिगड़ती स्थिति को देखकर उन्होंने बीमार लोगों को कोटा और रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की सलाह दी.

ग्रामीण अपने गंभीर रूप से बीमार परिजनों को मालवाहक पिकअप और दूसरे अन्य साधनों में लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर पहुंचे. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रतनपुर से मिली जानकारी के मुताबिक आमामुड़ा निवासी जगपाल, सगम बाई, रूप सिंह, ध्यान सिंह सहित 15 लोगों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था.

प्राथमिक उपचार के बाद मरीजों की हालत गंभीर होने पर इनमें से 10 मरीजों को सिम्स रेफर किया गया. रेफर करने के बाद अस्पताल में सरकारी एम्बुलेंस और सजीवनी 108 की गाड़ी नहीं उपलब्ध होने पर परिजन मरीजों को मालवाहक पिकअप में ही लेकर सिम्स बिलासपुर पहुंचे.

मरीजों के नाम-

जगमोहन
चन्द्रमती
अधिर सिंह
चंद्रभान सिंह
चंद्रिका
सूजन सिंह
ईश्वर सिंह
राम सिंह
राजकुमार
जयपाल
संगम सिंह
रूप सिंह
धन सिंह
ध्यान सिंह

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