Manipur Violence: मणिपुर हिंसा की आग में आज भी जल रहा है। 3 मई 2023 से शुरू हुई हिंसा के 500 दिन पूरे हो गए है। इसके बाद भी न राज्य सरकार और न ही केंद्र सरकार हिंसा की आग को बुझा पाई है। कुकी (Kuki)-मैतेई (Meitei )के बीच चल रही हिंसा में 237 मौतें हुईं, 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। करीब 11 हजार FIR दर्ज की गई और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया है। आज भी हालात यह है कि कुकी-मैतेई दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे हैं। इस हिंसा में मानवता को झकझोरने वाले न जाने कितने ही मामले हुए। महिलाओं की न्यूड परेड कराई गई। कई गैंगरेप हुए, गला काटकर लोगों को टांगा गया और अब तो ड्रोन अटैक।

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वहीं मणिपुर में सालभर बाद भी शांति बहाली की उम्मीद पर पानी फिरता जा रहा है। एक सितंबर से मणिपुर की घाटी में हिंसक घटनाएं बढ़ गई हैं। हालात इस कदर भयावह हैं कि अब ड्रोन के जरिए बमबारी की जा रही है। रिहायशी इलाकों को टारगेट करने के लिए रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। मणिपुर के जिरीबाम में गुरुवार को अराजततत्वों ने एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आग लगा दी।

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हिंसा के सबसे ज्यादा प्रभावित जिले चुराचांदपुर, कांगपोकपी, बिशनुपुर और इंफाल ईस्ट है। इनमें दिख रहा है कि इन इलाकों में पूरे गांव ही खत्म हो गए हैं। हिंसा की शुरुआत इंफाल और चुराचांदपुर से हुई थी, इंफाल में रह रहे कुकी और चुराचांदपुर में मैतेई को निशाना बनाया गया। इसके बाद एक-दूसरे पर अटैक शुरू हो गए थे।

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मैतेई बहुल इलाकों से कुकी आदिवासी लोग घर, जमीन छोड़कर भागे

हिंसा के बाद हिंदू मैतेई बहुल इलाकों से कुकी आदिवासी समाज के लोग अपनी घर, जमीन छोड़कर भागने पर विवश हो गए तो वही कुकी बहुल इलाकों में रहने वाले हिंदू सब कुछ छोड़कर या तो इंफाल घाटी लौट आए या राज्य ही छोड़कर दिल्ली समेत दूसरे इलाकों में बसने पर मजबूर हो गए। मणिपुर के सामाजिक संस्थान और स्वराज सरकार मिलकर ऐसे तमाम रिलीफ कैंप चल रही है, जहां जिंदगियां बस बीत रही है। बेहद मामूली सुविधाओं के साथ बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग इन रिलीफ कैंप में मुश्किलों का बोझ ढो रहे हैं। इंफाल ईस्ट के इस रिलीफ कैंप में पारी जैसे कई बच्चे अपने परिवार के साथ एक साल से रह रहे हैं. म्यांमार सीमा से लगे हुए मोरे शहर में पारी का परिवार दशकों से रहता था। तीन मई को शुरू हुई हिंसा 10 मई को मोरे शहर तक पहुंच गई। पारी जैसे सैकड़ो मैतेई हिंदू परिवार अपना घर छोड़कर घाटी इंफाल की तरफ भागने पर विवश हो गए थे। घर छूटा, आंगन छूटा, स्कूल छूटा और दोस्त भी छूटे इसलिए पारी कहता है कि घर की याद आती है और रोना भी आता है। पुराने दोस्त भी याद आते हैं लेकिन अब यहां नए दोस्त बन गए हैं।

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मणिपुर हिंसा की 5 सबसे बड़ी घटनाएं

1. भीड़ ने दो महिलाओं की न्यूड परेड निकाली, एक से गैंगरेप किया

19 जुलाई को मणिपुर से एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें भीड़ दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमा रही थी। एक महिला से गैंगरेप भी किया गया। इससे पहले उसके भाई और पिता को मार दिया गया। मामले की जांच CBI कर रही है। CBI ने 16 अक्टूबर, 2023 को 6 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। CBI ने बताया कि इन महिलाओं ने पुलिस की गाड़ी में शरण मांगी थी, लेकिन पुलिस ने दोनों महिलाओं को भीड़ के बीच छोड़ दिया।

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2. डेविड को पकड़ा, गोली मारी और सिर काटकर टांग दिया

मणिपुर से ही एक वीडियो और वायरल हुआ। इसमें बांस पर एक कटा सिर लटका था। चेहरा फटा थीं, आंखें निकली थीं, लेकिन वीडियो बनाने वाले खुश थे। वे मैतेई भाषा में बात कर रहे थे। कटा हुआ सिर 31 साल के डेविड थीक का था। हिंसा शुरू होने पर बिशनुपुर और चुराचांदपुर के बीच बॉर्डर बन गया था। घाटी में मैतेई और पहाड़ों पर कुकी ने बंकर बना लिए थे। विलेज डिफेंस कमेटी बनाकर अपने-अपने इलाके की सुरक्षा कर रहे हैं। डेविड चिंगलंगमेल गांव की डिफेंस फोर्स में था।

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CM के खिलाफ पोस्ट लिखी, भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला

4 मई, 2023 को 21 साल के हंगलालमुआन वैफेई की हत्या कर दी गई थी। ग्रेजुएशन कर रहे वैफेई को CM एन बीरेन सिंह के खिलाफ पोस्ट लिखने के आरोप में 30 अप्रैल को अरेस्ट किया गया था। मामले में दर्ज FIR के मुताबिक, पुलिस वैफेई को कोर्ट से जेल ले जा रही थी। पोरोमपट इलाके में 800 लोगों की भीड़ ने उन्हें रोक दिया। उनके हाथ में रॉड, डंडे और लाइसेंसी राइफल थी। भीड़ में शामिल लोग हर गाड़ी को चेक कर रहे थे। उपद्रवियों ने पुलिस से हथियार लूट लिए और वैफेई को पीट-पीटकर मार डाला। आरोप है कि पुलिसवाले खुद को बचाने के लिए वहां से भाग गए थे।

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पूर्व सैनिक को घर से घसीटकर ले गए, सिर में गोली मार दी

4 जून को इंफाल से 17 किमी दूर मैतेई गांव फायेंग में भीड़ ने पूर्व सैनिक रमेश सिंह का घर जला दिया। रमेश सिंह को डर था कि कुकी उन पर हमला कर सकते हैं, इसलिए वे लाइसेंसी गन लेकर गांव में गश्त करते थे।

भीड़ ने अंडर सेक्रेटरी को भी नहीं छोड़ा, पीट-पीटकर मार दिया

57 साल की गौजावुंग और उनके 27 साल के बेटे गौलालसांग की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। गौजावुंग मणिपुर सरकार में अंडर सेक्रेटरी थीं। बेटे गौलालसांग की नई-नई शादी हुई थी। हिंसा शुरू होने के बाद ये परिवार लांगोल एरिया में रिश्तेदार के घर चला गया था। 3 मई, 2023 की सुबह वे सरकारी क्वार्टर में लौट आए।

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स्कूल बंद रहने से पढ़ाई रुकी

मणिपुर में 3 मई, 2023 को हिंसा शुरू होने के बाद सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए थे। 4 मई से 30 मई तक गर्मी की छुट्टियां घोषित कर दी गईं। 10 अगस्त को सरकार ने 9वीं से 12वीं तक स्कूल फिर खोल दिए। कॉलेज भी खुल गए। मणिपुर के सभी बड़े कॉलेज राजधानी इंफाल में हैं। कुकी स्टूडेंट इंफाल नहीं आ सकते। या तो उनकी पढ़ाई छूट गई या उन्होंने दूसरे राज्यों में एडमिशन ले लिया।

400 से 500 चर्च पर हमला

सरकार के मुताबिक, अब तक हिंसा में 400 से ज्यादा चर्च पर हमला हुआ है। वहीं यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम ये संख्या 500 से ज्यादा बताता है। इस दौरान 86 सरकारी प्रॉपर्टी भी जला दी गईं। चर्च पर हमला मणिपुर में हिंसा के बाद शुरू हुआ ट्रेंड है। मई, 2023 से पहले मणिपुर में किसी चर्च हमला नहीं हुआ था।

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