राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार प्रदेश के 53 पीएम एक्सीलेंस कॉलेज के विकास की तैयारी कर रही है। आज इसे लेकर एक आदेश भी जारी कर दिया है जिसके मुताबिक सभी कॉलेजों को केसरिया रंग से रंगा जाएगा। हर कॉलेज के गेट का डिजाइन और कैंपस का कलर एक तरह का होगा। साथ ही हर एक कॉलेज पर 40 लाख का खर्च किया जाएगा। इस काम के लिए 25 जून 2024 की डेडलाइन दी गई है। 

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दरअसल उच्च शिक्षा विभाग ने अलग-अलग जिलों के सभी 53 पीएम एक्सीलेंस कॉलेज के विकास करने का निर्णय लिया है। इसके काम को लेकर आदेश भी जारी कर दिया है जिसमें तय किया गया है कि गेट का हिस्सा केसरिया कलर से रंगा जाएगा। आदेश के मुताबिक भवनों की पुताई एकसमान रंग से की जाए और मेन गेट पर एक कलर, डिजाइन एवं रंग का साइनेज लगाया जाए। 53 में से ज्यादातर महाविद्यालयों में मेन गेट बने हुए हैं उनमें संलग्न परिशिष्ट-3 अनुसार साइनेज लगाया जाए। जहां गेट निर्मित नहीं है वहां परिशिष्ट-3 अनुसार स्टील फ्रेम का गेट बनाकर साइनेज लगाया जाए।

भवनों की पुताई और साइनेज के अतिरिक्त जहां जैसी आवश्यकता है उसके अनुसार रिपेयर हेतु प्लास्टरिंग, पानी एवं बिजली की अबाधित व्यवस्था, वाटर टैंक, माइनर लैंडस्केपिंग, पौधे एवं एप्रोच रोड वर्क तथा गर्ल्स हाइजीन के लिए इंसिनिरेटर संबंधी कार्य अनिवार्य रूप से प्रत्येक महाविद्यालय में किए जाने हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि परिशिष्ट-2 में दर्शाए अनुसार कार्यों से तात्पर्य है कि रु 40.00 लाख प्रति महाविद्यालय की राशि से सभी 53 प्रधान मंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में एकरूपता के साथ कैम्पस का स्वरूप (get up) तैयार करना है।

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यह भी स्पष्ट किया जाता है कि क 40.00 लाख प्रति महाविद्यालय की राशि से पहले प्राचार्य के माध्यम महाविद्यालय की आवश्यकता का आकलन कर लें एवं तदनुसार ही कार्यों पर राशि व्यय की जाए। कार्य की वास्तविक लागत के अनुसार, कार्यो में आपस में राशि घटाई या बढ़ाई जा सकती है, परंतु परिशिष्ट-2 में दर्शाए अनुसार कार्य पूर्ण होने चाहिए। यदि परिशिष्ट-2 में दर्शाए किसी कार्य की आवश्यकता ही नहीं है तो उस कार्य पर अनावश्यक व्यय न किया जाए। आवश्यकता का सटीक आकलन करने की जिम्मेदारी प्राचार्य की होगी। 

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