पटना। रूस के यूक्रेन पर आक्रमण तेज किए जाने के बाद वहां पढ़ाई करने गए बिहार के छात्र अब लगातार वापस लौट रहे हैं। यूक्रेन में फंसे बिहार मूल के 53 छात्र-छात्राओं का जत्था बुधवार को अलग-अलग विमान से पटना हवाई अड्डा पहुंचा। बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इन छात्र-छात्राओं से मिलकर उनका कुशलक्षेम पूछा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक बिहार के 174 छात्र यूक्रेन से वापस लाए गए हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत एवं बिहार राज्य के संवेदनशील नेतृत्व एवं मजबूत इरादे की बदौलत यूक्रेन में फंसे छात्र-छात्राओं की वतन वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से दूरभाष पर बात कर भारत की चिंताओं से अवगत कराया था।
भारतीय विदेश मंत्रालय यूक्रेन के अधिकारियों से लगातार संपर्क बना कर उन्हें वापस लाने की कार्रवाई कर रहा है। भारत के प्रधानमंत्री ने कई केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में बच्चों की सकुशल वतन वापसी के कार्य की मॉनिटरिंग के लिए भेजा है।
उन्होंने बताया कि बिहार आ रहे इन सभी छात्र-छात्राओं के यात्रा का खर्च बिहार सरकार वहन कर रही है। सभी छात्रों के सकुशल वतन वापसी की इस मुहिम की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फंसे सभी बिहार के छात्रों को वापस लाने की कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फंसे बच्चों की वतन वापसी की कार्रवाई भारत सरकार ने तेज की है। भारतीय वायु सेना के हवाई जहाजों को भी बच्चों की सकुशल वतन वापसी के कार्य में लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि बिहार मूल के रहने वाले गोपालगंज के दीपू कुमार मांझी, कटिहार के अंकित कुमार, भागलपुर की सौम्या चंद्रा, कटिहार के नितेश कुमार सहित कुल 53 छात्र-छात्राएं 2 मार्च को पटना हवाई अड्डा पहुंचे, जहां से उनके संबंधित जिलों को जिला प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराए गए वाहन के माध्यम से भेजा गया। उन्होंने बताया कि बच्चों की वतन वापसी के काम निरंतर जारी रहेंगे। सरकार इस दिशा में पूरी तरह से संवेदनशील है।
इधर, बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल के मुताबिक अब तक यूक्रेन से बिहार के 174 बच्चो की सकुशल वापसी हो गई है। उल्लेखनीय है कि बिहार से बड़ी संख्या में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए छात्र – छात्राएं यूक्रेन जाते हैं।