पटना. जहरीली शराब पीने से अब तक 57 लोगों की जान जा चुकी है. बिहार में शराबबंदी होने के बाद भी लोगों शराब आसानी से मिल रही है. ऐसे में शराब पीने से कई मौतों के बाद सियासी पारा गरमा गया है. वहीं इस मुद्दे को लेकर भाजपा लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रही है.

वहीं सीएम नीतीश कुमार का शराब पीने को लेकर एक बार फिर बयान सामने आया है. उनका कहना है कि, शराब पियोगे तो मरोगे. उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपिता बापू के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं. दूसरे राज्यों में जहरीली शराब पीने से मौत हो रही है. बीजेपी ने शराबबंदी का समर्थन किया था.

इस दौरान सीएम नीतीश ने यह भी कहा कि, किसी भी धर्म में शराब पीना अच्छी बात नहीं है. सीएम कुमार ने कहा कि राज्य में गरीबों के उत्थान के लिए काम हो रहा है. पहले गरीब आदमी दारू पीकर आकर घर में झगड़ा करता था, लेकिन शराब बंद होने के बाद ये सब बहुत कम हो गया है. उन्होंने कहा कि, हम गरीबों को काम करने के लिए एक लाख रुपये दे रहे हैं कि भाई अपना काम करो, लेकिन लोग शराब पी रहे हैं. नीतीश ने कहा कि हम गरीबों के लिए काफी काम कर रहे हैं. शराबबंदी कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन फालतू की बातें हो रही हैं.

वहीं सीएम नीतीश के कभी साथी रहे प्रशांत किशोर ने भी हमला बोला है. पीके ने भी 48 घंटे के भीतर शराबबंदी कानून को रद्द करने की मांग की. उन्होंने बिहार सरकार के साथ महागठबंधन नेताओं पर भी हमला बोला. पीके ने नीतीश के अलावा तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार के करीब रहने वाले लोग ही शराब पीते हैं.