रायबरेली. यूपी के रायबरेली के सलोन में बनाए गए 19 हजार फर्जी प्रमाण पत्रों को लेकर अब पर्दा उठने लगा है. UP ATS की गहन छानबीन से मिले क्लू के आधार पर पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी सोनभद्र, संतकबीर नगर, गोरखपुर, कुशीनगर, प्रतापगढ़ और मुरादाबाद के हैं. इन सभी के पास से तीन टैबलेट, 11 मोबाइल फोन, सात लैपटॉप, क्रेडिट और डेबिट कार्ड बरामद हुए हैं. ये वीडीओ की लॉगिन आईडी से फर्जी प्रमाण बना रहे थे. पुलिस और एटीएस इस पूरे नेटवर्क के तारों को सुलझाने में जुटी हुई है.
जिले के सलोन के नुरुद्दीनपुर, सिरसिरा, गढ़ी इस्लामनगर और गोपालपुर में 19 हजार 400 फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में संचालक जीशान, वीडीओ विजय सिंह समेत चार लोगों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है. पुलिस के साथ यूपी एटीएस मामले की जांच कर रही है. यूपी एटीएस मामले की तह तक जाने के लिए फील्ड यूनिट और ऑप्ट टीम के साथ प्रदेश के विभिन्न जिलों में छापेमारी कर रही है, जिससे अब तक गोरखरपुर, वाराणसी, लखनऊ, मुरादाबाद, बरेली, अयोध्या, बहराइच और प्रयागराज में एटीएस की टीम छापेमारी कर चुकी है.
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शुक्रवार की रात को एटीएस की जानकारी पर रायबरेली पुलिस ने मकान नंबर 125 वार्ड सात दिलीप नगर धर्मशाला चौराहा राबर्ट्सगंज सोनभद्र निवासी गोविंद केशरी, सियरासाथा थाना कोतवाली खलीलबाद संतकबीर नगर निवासी आकाश कसौधन, नूरी मस्जिद थाना गोला बाजार गोरखपुर निवासी सलमान अली, अहिरौली डान थाना तरया सुजान कुशीनगर निवासी संजीव कुमार सिंह, सदर बाजार कोतवाली प्रतापगढ़ निवासी वैभव उपाध्याय, ग्राम डिलरा रायपुर थाना मुंडा पांडे मुरादाबाद निवासी शाहनवाज को गिरफ्तार किया गया. सभी को पहले एटीएस मुख्यालय लाया गया और उसके बाद रात में सभी कड़ी सुरक्षा के बीच रायबरेली लगाए गए.
आरोपियों से UP ATS करेगी पूछताछ
शनिवार को पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल ने खुलासा करते हुए बताया कि पकड़े गए आरोपी जेल में बंद वीडीओ विजय सिंह की आईडी से फर्जी प्रमाण पत्र बनाते थे. साथ ही विजय सिंह की आईडी कई साइट पर खोली जाती थी. एसपी ने बताया कि इन लोगों ने एक व्हाटस एप ग्रुप बना रखा था, जिसके जरिए फर्जी प्रमाण पत्र की डीलिंग होती थी. इस ग्रुप में फर्जीवाड़ा से जुड़े लोग हैं. पूरे ग्रुप की जांच हो रही है. आरोपी आधार कार्ड तक में भी संशोधन करते थे. इसके चलते इसकी और गहन पड़ताल की जा रही है. एसपी ने कहा कि पकड़े गए आरोपी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने और दिलाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनाते थे. इनके रोहिंग्या और बांग्लादेशी कनेक्शन की पड़ताल की जा रही है. सभी आरोपियों से अब यूपी एटीएस भी पूछताछ करेगी.
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