नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रविवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों और वामपंथी गठबंधन के सदस्यों के बीच मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर हुई झड़प में कम से कम 6 छात्र मामूली रूप से घायल हो गए. दो गुटों में बहस के बाद मारपीट हो गई. वाम गठबंधन (Left Wing) के सदस्यों ने एबीवीपी पर परिसर में कावेरी छात्रावास में मांसाहारी भोजन पर जबरन प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया, जबकि ABVP ने आरोप लगाया कि NSUI सहित वाम गठबंधन के सदस्य उन्हें रामनवमी के अवसर पर पूजा और हवन कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं.

बाद में शाम को झड़पें और तेज हो गईं और घायल छात्रों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम जिला) मनोज सी ने कहा कि स्थिति अब शांतिपूर्ण है और दोनों छात्र दल शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं. डीसीपी ने कहा कि शिकायत मिलने पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि मारपीट के दौरान 6 छात्र घायल हो गए. स्थिति को शांत करने के लिए मौके पर मौजूद डीसीपी ने कहा कि सभी को मामूली चोटें आई हैं. एबीवीपी ने एक बयान में कहा कि कावेरी छात्रावास के निवासियों ने रामनवमी मनाने के लिए एक ‘पूजा’ का आयोजन किया था, जो दोपहर 3.30 बजे शुरू होनी थी, लेकिन वामपंथियों द्वारा किए गए हंगामे के कारण यह शाम 5.00 बजे ही शुरू हो सका.

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एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक सिद्धार्थ यादव ने दी जानकारी

एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक सिद्धार्थ यादव ने बताया कि हम कोई पूजा नहीं कर रहे थे, बल्कि यह कावेरी छात्रावास के आम छात्रों द्वारा आयोजित किया गया था. पिछले 9 दिनों से सब कुछ शांति से चल रहा था, लेकिन आज वामपंथी संगठन के सदस्यों ने हंगामा किया और हमें पूजा करने नहीं दे रहे थे. उन्होंने कहा कि छात्रावास में मांसाहारी भोजन पर जबरन प्रतिबंध लगाने का कोई मुद्दा नहीं है, बल्कि वामपंथी गठबंधन के सदस्यों को रामनवमी के अवसर पर धार्मिक समारोह आयोजित करने वाले छात्रों से समस्या थी. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इफ्तार और रामनवमी का शांतिपूर्ण गवाह रहा है. इस उत्सव ने एक बार फिर इस तथ्य को स्थापित किया कि जेएनयू भारत के एक सूक्ष्म जगत का प्रतिनिधित्व करता है, जहां विभिन्न पहचान शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में हैं. हालांकि, वामपंथी इस तथ्य को पचा नहीं पाते हैं. सिद्धार्थ यादव ने कहा कि घटना के दौरान एबीवीपी जेएनयू के संयुक्त सचिव विकास कुमार घायल हो गए. उन्होंने कहा कि उनकी ऊंगलियां वामपंथी गुंडों के हमले के कारण फ्रैक्चर हो गई हैं. रवि राज नाम के एक अन्य छात्र के सिर पर चोटें आईं. उन्होंने कहा कि उसके सिर पर फूल के गमले से वार किया गया था. दिव्या नाम की एक छात्रा के हाथ में भी चोटें आई हैं.

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मेन्यू को लेकर झड़प का आरोप

वहीं, जेएनयूएसयू ने एक बयान में एबीवीपी पर मेस कमेटी पर रात के खाने के मेन्यू को बदलने और सभी छात्रों के लिए सामान्य मांसाहारी खाने को बाहर करने के लिए मजबूर करने और हमला करने का आरोप लगाया.जेएनयूएसयू ने कहा कि मेन्यू में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के छात्रों के लिए खाद्य पदार्थ हैं, जो अपनी व्यक्तिगत पसंद के आधार पर इसका सेवन कर सकते हैं, लेकिन एबीवीपी पूरी तरह से हंगामा करने और कर्मचारियों के साथ छेड़छाड़ करके अपने ब्राह्मणवादी आधिपत्य के आदर्शों को मजबूत करने के लिए बाहुबल और अपनी ‘गुंडागर्दी’ का उपयोग कर रही है. बयान के अनुसार, जेएनयू और उसके छात्रावास सभी के लिए समावेशी स्थान हैं, न कि किसी एक वर्ग विशेष के लिए. विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के छात्रों की अलग-अलग खाद्य प्राथमिकताएं होती हैं, जिनका सम्मान किया जाना चाहिए. बयान में कहा गया है कि एबीवीपी का यह कृत्य जेएनयू जैसे लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष स्थानों पर आधिपत्य जमाने की उनकी बहिष्कृत राजनीति और दक्षिणपंथी हिंदुत्व की नीतियों को दर्शाता है. इस बीच, घायल छात्रों को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया.

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