कपिल मिश्रा, शिवपुरी। सिरसौद थाना क्षेत्र के ग्राम भावखेड़ी में शनिवार की दोपहर अचानक गायब हुए छह साल के मासूम के अपहण से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। बच्चे का अपहण पड़ोस में रहने वाले बेरोजगार युवा ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर 15 लाख फिरौती के लिए घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने 6 घंटे के अंदर बच्चे को बरामद करते हुए सभी 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। शिवपुरी एसपी राजेश सिंह चंदेल ( Shivpuri SP Rajesh Singh Chandel) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया।
शिवपुरी एसपी ने कहा कि अपहरणकर्ता गांव के ही बेरोजगार युवा अक्ल सिंह यादव, भूरा यादव व सुनील शाक्य निकले। उन्होंने हरिओम का अपहरण उसके पिता से 15 लाख फिरौती वसूल कर कोई काम धंधा शुरू करने की मंशा से किया था।आरोपियों को उम्मीद थी कि उसके पिता नरेंद्र पूर्व में सरपंच रह चुका है। लिहाजा उसके यहां खूब पैसा होगा। वह फिरौती का फोन पहुंचते ही अपने बच्चे को बचाने के लिए उन्हें फिरौती की राशि दे देगा। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 6 घंटे के अंदर बच्चे को बरामद कर 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
दो महीने से रच रहे थे साजिश
हरिओम का अपहरण करने का षड्यंत्र आरोपी दो माह पहले से रच रहे थे। इसी षड्यंत्र के तहत आरोपियों ने गांव के एक 11 साल के दोस्त छोटू यादव को ढाल बनाकर उसे मोबाइल दिलाने का लालच दिया। आरोपियों ने छोटू से कहा कि हरिओम तेरे साथ साईकल पर घूमता है, तू उसे गांव के बाहर ले आना। जब छोटू उसे लेकर पहुंचा तो भूरा ने हरिओम को लेकर छोटू को लौटा दिया।
यू-ट्यूब से सीखा पुराना सिम चालू करना
आरोपियों को यह पता था कि अगर वह फिरौती वसूल करने के लिए अपनी सिम का प्रयोग करेंगे तो पकड़े जाएंगे। यही वजह रही कि उन्होंने एक ऐसी सिम का उपयोग किया जो उनके पास पहले से पड़ी थी और किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर दर्ज है। इस सिम को चालू करने के लिए आरोपियों ने यू-ट्यूब का सहारा लिया और उसे रिचार्ज करा कर उससे फोन किया।
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कैसे पकड़े गए आरोपी
पुलिस ने अपहरणकर्ताओं द्वारा उपयोग किए गए नंबर की लोकेशन ट्रेस की तो पता चला कि फोन गांव के आसपास से ही किया जा रहा है। इसी आधार पर पुलिस ने पूरे क्षेत्र में घेराबंदी कर ली। इधर आरोपी युवकों के घर से भी फोन आने लगा, उधर उन्हें पुलिस की दबिश की भनक लग गई। इस दोहरे मानसिक दबाब को आरोपी झेल नहीं पाए और हरिओम को छोड़कर भाग गए। हरिओम जब लौट कर घर आया तो उसने बता दिया कि उसे भूरा यादव अपने पास रखे हुए था, इसके बाद सभी आरोपी एक-एक कर पकड़े गए।
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खेत में खिलाते रहे, ताकि बच्चे को शक न हो
हरिओम को उसके अपहरण के बाद आरोपियों ने गांव के बाहर खेतों में रखा। हरिओम को उसके पकड़े जाने का संदेह न हो इसके लिए आरोपी उसे लुकाछिपी का खेल खिलाते रहे। जब मोबाइल की लोकेशन के आधार पर पुलिस ने खेतों में सर्चिंग बढ़ाई तो आरोपी उसे चुप करने के लिए उससे कहने लगे कि आपको पकड़ने कोई आ रहा है, आप चुप होकर छिप जाओ।
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