कांकेर। कांकेर जिला अदालत ने रिश्वतखोर बाबू को मामले का दोषी पाए जाने पर 6 साल की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार प्रजापति ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई में जिला शिक्षा विभाग के रिश्वतखोर बाबू रतिराम बघेल को छह साल की सजा के साथ 60 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
रायपुर एसीबी की टीम ने आरोपी बाबू को 29 सितंबर 2015 को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। अनियमितता के आरोप में निलंबित चल रहें संकुल समन्वयक जीवनलाल ठाकुर को बहाल करवाने के लिए रतिराम बघेल घूस ले रहा था। उसे जिला न्यायालय परिसर में पैसे लेते हुए पकड़ा गया था।
गौरतलब है कि नरहरपुर ब्लॉक के मुसुरपुट्टा गांव में तैनात संकुल समन्वयक जीवनलाल को तत्कालीन कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान निलंबित कर दिया था। और उसे बहाल करने के एवज में रतिराम बघेल ने 40 हजार रूपये मांगे थे। शिक्षक ने इसकी शिकायत राज्य आर्थिक अन्वेषण ब्यूरों यानी एसीबी से किया था। रतिराम विभागीय काम से जिला न्यायालय परिसर पहुंचा था, जहाँ उसने जीवनलाल से पैसा लिया और उसे एसीबी ने धरदबोचा था।
अदालत में दो साल तक चली सुनवाई के बाद विशेष न्यायधीश मनोज कुमार प्रजापति ने रतिराम बघेल को छह साल की सजा और 60 हजार रूपये के जुर्माने से दंडित किया है।