रवीन्द्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. महराजगंज में मुकदमा लिखे जाने के एक सप्ताह बाद भी लोगों से 60 लाख की ठगी कर, फरार कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक और शाखा प्रबंधक को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है. पुलिस की लचर कार्यशैली से पीड़ितों में आक्रोश नजर आ रहा है.

बीते 16 दिसंबर को दी गई तहरीर में भवानीगढ़ थाना शिवगढ़ क्षेत्र के रहने वाले दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि हैदरगढ़, बाराबंकी निवासी सुशील कुमार और नरायणपुर मजरे मोन निवासी गोपाल कृष्ण से कस्बे के बैंक ऑफ बड़ौदा के पीछे एलयूसीसी नाम की फर्जी कंपनी में 5 साल पहले मुलाकात हुई. जिस पर दोनों अभियुक्तों द्वारा पीड़ित कों फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अभिकर्ता बनाया और इस फर्जी कंपनी में ज्यादा लाभ देने का लालच देकर पीड़ित के जान पहचान वालों से किश्तों में पैसा जमा करा लिया. वहीं पैसा निकालने का समय पूरा होने पर जब पीड़ित अपने साथी विवेक ऋषि के साथ पैसा मांगने पहुंचा तो कंपनी बंद मिली.

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कंपनी बंद होने के बाद दोनों ही प्रतिपक्षी मारपीट, गाली गलौज करने लगे. पीड़ित नें बताया की कूटरचित फर्जी कंपनी एलयूसीसी में उसके जानने वालों गयावती मिश्रा से 2 लाख 36 हजार, तेजबहादुर सिंह से 5 लाख 67 हजार 100, मालती सिंह से 1 लाख 41 हजार सहित 50 लोगों से करीब 60 लाख रुपये की ठगी की गई है. फिलहाल मुकदमा लिखे जाने के एक सप्ताह बाद भी कुंभकर्णी नींद सो रही पुलिस की निद्रा कब टूटेगी ये देखने वाली बात है. मामले में प्रभारी निरीक्षक जगदीश यादव ने बताया कि अभियुक्तों की खोजबीन की जा रही है. उन्हें जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा.