नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में शुमार दिल्ली विश्वविद्यालय अपने खराब छात्र शिक्षक अनुपात के कारण क्यूएस लंदन रैंकिंग सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में पिछड़ रहा है. दिल्ली विश्वविद्यालय ने शिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अब एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के 635 पदों पर स्थायी नियुक्ति की मंजूरी दी है. दरअसल शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी (University Grant Commission) भी चाहते हैं कि दिल्ली विश्वविद्यालय से समयबद्ध तरीके से अपनी कमियों को दूर कर.
आवेदन करने की अंतिम तिथि 7 फरवरी 2022
दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय ने सम्बद्व विभिन्न विभागों में एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के 635 पदों पर स्थायी नियुक्ति करने संबंधी विज्ञापन निकाला है. विज्ञापन के अनुसार इन पदों के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 7 फरवरी 2022 रखी गई है, साथ ही यह भी लिखा गया है कि रोजगार समाचार पत्र में विज्ञापन प्रकाशित होने के दो सप्ताह तक उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं. इससे पहले विश्वविद्यालय प्रशासन विभागों में सहायक प्रोफेसर के 251 पदों का विज्ञापन निकाल चुका है.
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एसोसिएट प्रोफेसर में सबसे ज्यादा पद इन विभागों में हैं- लॉ फैकल्टी -95 पद, भौतिकी -22 पद, मैनेजमेंट स्टरडीज- 20 पद, रसायन विज्ञान -19 पद, मैथमेटिक्स -18 पद, राजनीति विज्ञान -17 पद, फिलॉसफी -15 पद, संस्कृत -13 पद, एजुकेशन- 13 पद, इकॉनॉमिक्स- 12 पद, इंग्लिश -11 पद, इलेक्ट्रॉनिक साइंस – 10 पद, एमआईएल- 09 और साइकोलॉजी- 09 पद हैं. इसी तरह प्रोफेसर के लॉ फैकल्टी में 33 पद , मैनेजमेंट स्टडीज – 12 , इकोनॉमिक्स-10 , एजुकेशन -09 , रसायन विज्ञान – 09, बॉटनी-8 , भौतिकी -07 , मैथमेटिक्स – 06 , साइकोलॉजी-06 , सोशियोलॉजी -05 पदों का विज्ञापन जारी किया है.
शिक्षकों में खुशी का माहौल
इन पदों के निकाले जाने पर विभिन्न विभागों व कॉलेजों में पढ़ा रहे शिक्षकों में खुशी का माहौल है. वे लंबे समय से स्थायी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि इससे पहले भी विश्वविद्यालय प्रशासन दो बार इन पदों को भरने का विज्ञापन निकाल चुका है, लेकिन कुछ विभागों में नियुक्ति के बाद इसे रोक दिया गया और केवल प्रमोशन का कार्य जारी रहा. फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय से मांग की है कि आगामी शैक्षिक सत्र आरंभ होने से पूर्व इन पदों पर नियुक्ति की जाए. वहीं दूसरी और इन पदों पर बैकलॉग नहीं दिए जाने पर चिंता जताई है. डॉ. सुमन ने बताया है कि इन पदों पर स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर और बैकलॉग पदों को भरवाने को लेकर फोरम का प्रतिनिधि मंडल नए कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह से मिला था. प्रोफेसर योगेश सिंह को बताया गया था कि विभागों व कॉलेजों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन दो बार विज्ञापन निकाल चुका है, लेकिन कुछ विभागों में नियुक्ति करने के पश्चात रोक दी गई. उन्होंने कहा था कि लंबे समय से कॉलेजों में 5000 शिक्षकों की नियुक्तियों के लिए भी जल्द ही विज्ञापन निकाले जाएंगे.
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इन पदों को भरने के लिए पहले प्रिंसिपलों के खाली पड़े पदों को स्थायी प्रिंसिपलों से भरा जाएगा ,उसके बाद कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के पदों के विज्ञापन निकाले जाएंगे. इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय ने सहायक प्रोफेसर के 251 पदों को भरने का विज्ञापन निकाला था. दरअसल विश्वविद्यालय इन पदों को भरने के लिए कई बार विज्ञापन निकाल चुका है. पिछले साल कुछ विभागों में सहायक प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति की गई थीं, उसके बाद कॉलेज शिक्षकों की प्रमोशन किया गया, जो अभी तक जारी है. दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने आशा जताई है कि अब मार्च अप्रैल में इन पदों को भरने की शुरुआत हो सकती है.
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