ज्ञानगुड़ी कोचिंग सेंटर से आज बस्तर दमक रहा है. जिला प्रशासन द्वारा संचालित इस निःशुल्क कोचिंग सेंटर के 64 बच्चों ने इस साल NEET क्वालीफाई किया है.
आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। इस बार नीट (NEET) क्वालीफाई करने वाले बच्चों में दंतेवाड़ा के विधायक रहे भीमा मंडावी की जहां हत्या हुई थी, उस गांव का लखूराम पोड़ियामी और बस्तर के पहले बारूदी विस्फोट वाले गांव बंगोली का समीर मरकाम भी शामिल है. इसे भी पढ़ें : CG BREAKING: डोंगरगढ़ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के घर ईडी का छापा, सुबह 5 बजे से चल रही कार्रवाई
जिला प्रशासन द्वारा संचालित ज्ञानगुड़ी कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करने वाले 76 बच्चों में 64 ने नीट क्वालीफाई किया है. इनमें 36 बच्चे रेगुलर क्लास के हैं, जबकि अन्य ने क्रैश कोर्स व समय-समय पर कोचिंग ली है.
नीट क्वालीफाई करने वाले बच्चों से कलेक्टर विजय दयाराम ने मुलाकात करने के साथ चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेहनत का कोई लक्ष्य नहीं होता. कर्तव्य करते रहें, सफलता कदम चूमती है. आपकी सफलता से बस्तर गौरवान्वित हुआ है. कलेक्टर ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि बस्तर के बच्चों ने डॉक्टर बनने नीट क्वालीफाई किया. उन्होंने कहा कि ‘ज्ञानगुड़ी’ का मकसद यही है कि विकास को पंख मिले. आपकी सफलता को देखकर और हजारों बच्चों को प्रेरणा मिलेगी.
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इस दौरान मौजूद एसपी शलभ सिन्हा ने कहा कि किसी ने कल्पना नहीं की थी कि इतनी बड़ी संख्या में बस्तर से बच्चे डॉक्टर के लिए क्वालिफाई करेंगे. प्लेटफॉर्म मिलता है तो आगे बढ़ने का मौका भी मिलता है. उन्होंने बच्चों से कहा कि डॉक्टर बनने के बाद अपने क्षेत्र का ख्याल रखें और बस्तर के प्रति गंभीर रहें. उन्होंने कहा कि बस्तर को पिछड़ा क्षेत्र के नाम से देखा जाता है. इस भ्रांति को हमें बदलना है.
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