अनिल सक्सेना, रायसेन।कहते है कि ” जाको राखें सांइया, मार सके नो कोई ” बाल न बाको कर सके, जो जग बैरी होय। ऐसा ही चमत्कार नवरात्रि में मां नर्मदा ने कर दिखाया है। नर्मदा नदी में गिरी 65 वर्षीय वृद्धा 18 घंटे तक 58 किलोमीटर बहती रही, लेकिन मौत को नजदीक नहीं आने दिया। मां नर्मदा की गोद में रातभर रही।
रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के ग्राम बोरास के नर्मदाघाट धरमपुरा पर स्न्नान कर रहे लोगों ने बहती हुई वृद्धा को पकड़ा और तत्काल इलाज के लिए उदयपुरा अस्पताल भेजा। कौन थी यह वृद्ध महिला और कहां से आई ,जब महिला ने बताया तो लोगो को आश्चर्य हुआ। लोग मां की शक्ति का जय जयकार करने लगे।
सागर जिले के सुरखी के ग्राम हनोताकला की 65 वर्ष से अधिक उम्र के महिला सुहागरानी 2 अक्टूबर रविवार को शाम 6-7 बजे नरसिंहपुर जिले के नर्मदाघाट वरमान में पानी भर रही थी। सीढ़ियों से पैर स्लिप होने के बाद तेज धार में बहने लगी। रात में बहते हुए एक नौका वाले को आवाज दी लेकिन, वह डरकर भाग गया। महिला रातभर सिर ऊपर कर बहती रही। कभी एक हाथ से तैरती तो कभी दूसरे हाथ से तैरती रही।
महिला का सहारा मां नर्मदा बनी रही और 58 किलोमीटर बहने के बाद रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के ग्राम बौरास के धरमपुरा घाट में बहते देख लोगों ने महिला को बाहर निकाला। तत्काल इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया जहां इलाज के बाद महिला पूर्ण स्वस्थ्य है। पुलिस ने महिला से पूछताछ कर परिजनों को बुलाया और घऱ वाले उसे ले गए। जानकारी मांगीलाल थाना प्रभारी उदयपुरा ने दी।
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