भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार की हाथी जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष ओडिशा में 66 हाथियों की मौत हो गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले सात वर्षों में ओडिशा में हाथियों की संख्या में 122 की वृद्धि हुई है. जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में राज्य के 38 वन प्रभागों में 2098 हाथी हैं, जबकि 2017 में उनकी संख्या 1976 थी.
जनगणना के बारे में बोलते हुए, पीसीसीएफ (वन्यजीव) सुशांत नंदा ने बताया कि, हाथियों की तीन दिवसीय जनगणना आयोजित की गई थी ताकि वन विभाग एक प्रबंधन रणनीति विकसित कर सके. यह पूर्णिमा की रात के साथ मेल खाता था क्योंकि उन दिनों हाथियों को देखा जाता है. हम परियोजना हाथी के तहत एक समन्वित प्रयास के साथ सात साल बाद ऐसा किया गया. जनगणना के लिए टावरों का निर्माण किया गया और इस उद्देश्य के लिए दस्तों को तैनात किया गया. उन्होंने कहा कि हाथियों के झुंड की कुल गणना सर्कल स्तर पर की गई और फिर राज्य स्तर पर की गई.
उन्होंने बताया कि ओडिशा में 38 डिवीजनों में कुल 2098 हाथी देखे गए. पीसीसीएफ के अनुसार, राज्य की क्षमता के अनुसार मौजूदा हाथियों की संख्या काफी ठीक है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में विभिन्न कारणों से 403 हाथियों की मौत हुई है और मृत्यु दर सालाना 3-4 प्रतिशत है, जो सामान्य है. उन्होंने कहा, पिछले साल राज्य में 66 हाथियों की मौत की सूचना मिली थी, जबकि विभाग ने अंगुल और ढेंकानाल के जंगलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके हाथियों पर नजर रखने की योजना बनाई है. इसे जल्द ही क्रियान्वित किया जाएगा. सर्दियों में हाथी पड़ोसी राज्यों से भटक जाते हैं. उनकी संख्या जानने के लिए इस साल 15 से 17 नवंबर तक हाथियों की जनगणना की जाएगी.