भुबनेश्वर, प्रदेश में वर्ष 2015 से 2023 के बीच कुल 698 हाथियों, 48 तेंदुओं और सात रॉयल बंगाल टाइगर्स की मौत हुई है. विधायक प्रफुल्ल सामल द्वारा पूछे गए प्रश्न पर पर्यावरण मंत्री प्रदीप अमात ने मंगलवार को ओडिशा विधानसभा में यह बात कही है. अमात ने सदन को बताया कि हाथियों और बाघों की मौत बीमारियों, बिजली के झटके, ट्रेन दुर्घटना, सड़क दुर्घटना, अवैध शिकार और जहर खाने जैसे कई कारणों से हुई.

जानवरों की सुरक्षा के लिए क्या किया जा रहा है?

इस पर जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि उनके प्राकृतिक आवासों को सुरक्षित करने के लिए मजबूत फेंसिंग बनाया गया है, बड़ी संख्या में हाथी खाने योग्य पेड़ लगाए गए हैं और शाकाहारी जिवों के लिए चारागाह विकसित किए गए हैं. इसके अलावा, कृत्रिम तालाब भी खोदे गए हैं और जंगल की आग को रोकने और अवैध शिकार से निपटने के लिए सुरक्षा वल बढ़ाए गए हैं. स्पेशल स्क्वाड तैनात किए गए हैं जो जंगल में गश्त लगाने के साथ साथ जानवरों की निगरानी कर रहे हैं.

698 elephants, 48 leopards, 7 tigers died in Odisha between 2015 and 2023

वहीं, कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बाहिनीपति ने भी जानना चाहा कि मानव-हाथी संघर्ष के कारण अब तक कितने लोगों की मौत हो चुकी है.

इस सवाल का जवाब देते हुए मंत्री अमात ने कहा कि पिछले पांच साल में हाथियों के हमले में कुल 602 लोग मारे गये हैं. अमात ने बताया कि 2015 से 2023 के बीच हाथियों ने 127 घरेलू पशुओं को मारा है और 611 घरों को कुचला है.