रमेश सिन्हा,पिथौरा। महासमुंद जिले की पुलिस ने सात साल से फर्जी ऋण पुस्तिका बनाकर बैंकों से केसीसी लोन दिलाने का कारोबार कर रहे गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से भारी संख्या में फर्जी ऋण पुस्तिका, कई बैंकों के सील, तहसीलदार और पटवारी के फर्जी सील समेत कई सामान जब्त किया है.
प्रेस कॉफ्रेंस कर पिथौरा टीआई कमला पुसाम और एसडीओपी पुपलेश पात्रे ने बताया कि बीते दिनों पीड़िता अंगीता यादव ने लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि पिथौरा निवासी उत्तम मजूमदार ने 2018 अप्रैल माह में जमीन का पट्टा बनाने के एवज में 20 हजार लिया था. लेकिन अभी तक पट्टा बनाकर नहीं दिया, पैसे मांगने पर देने से इंकार कर दिया. शिकायत के बाद टीम गठित कर मामले की जांच की गई, तब जाकर इस मामले में कई अहम खुलासा हुआ.
जांच में पाया गया कि आरोपी उत्तम मजूमदार अपने अन्य साथियों ग्रीसम बिसी निवासी रामपुर, संजय राव काटे, गलय कमार यादव साकिनान झलप, सुभाष चक्रधारी निवासी बेलडीह, दीनबंध पटेल निवासी आण्ड, घासीराम प्रजापति निवासी पिथौरा ने मिलकर भोले भाले ग्रामीणों को बैंक से ऋण दिलाने, जमीन संबंधी खसरा नक्शा प्राप्त कर लोन संबंधी दस्तावेजों में फर्जी राजस्वत निरीक्षक और बैंकों का सील तैयार कर फर्जी तरीके से फर्जीवाड़ा करते थे. पिछले सात साल से ये सातों आरोपी मिलकर इस फर्जीवाड़ा को अंजाम देते थे.
पुलिस ने इनके पास से किसान किताब, बैंक पास बुक, रबड़ सील, रबड़ सील बनाने का मशीन समेत कई फर्जी दस्तावेज जब्त किया है. सभी आरोपियों को धारा 420, 467, 468, 471.120-B के तहत गिरफ्तार जेल भेज दिया है. बाकी अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है.