Aligarh News. अलीगढ में पत्नी को जिंदा जलाने के मामले में 13 साल बाद पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला. अदालत ने इस घटना को आत्महत्या या दहेज हत्या न मानते हुए सीधे मर्डर केस माना और पति सहित सात दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई.

जमालपुर के मौहल्ला आजाद नगर में आसिफ पर अपनी बीवी कौसर को जिंदा जलाने का आरोप लगा था. हालांकि तब सुसाइड की बात भी सामने आई थी. अब शौहर आसिफ, देवर हाशिम, अख्तर, छुट्टल, सास शहजादी, ननद सिराज और उसके पति मुशीर को ताउम्र जेल में रहना होगा. यह फैसला एडीजे-6 नवल किशोर सिंह की अदालत ने सुनाया है. दोषियों पर बीस-बीस हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया है. घटना 4 अप्रैल 2011 की है.

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वादी मुकदमा भूरा के अनुसार उनकी बेटी कौशर जहां पति से विवाद के चलते मायके में रह रही थी. घटना वाली सुबह छह बजे नामजद आरोपी उसके घर पर आए. जब बेटी घर के बाहर पानी भर रही थी, तभी उसे घेर लिया. जब वह घर के अंदर भागी तो उसे वहीं घर में खींचकर केरोसिन छिड़क दिया और जलाकर भाग गए. घर से भागते समय उसने सभी आरोपियों को देखा. बाद में चीखती हुई बेटी ने सभी के नाम बताए.

आनन फानन बेटी को अस्पताल ले जाया गया और थाने में तहरीर दी गई. मामले में मुकदमा सिविल लाइंस के जमालपुर मौलाना आजाद नगर निवासी पति कासिफ, देवर हासिम, अख्तर व अफसर, सास मो.जादी, ननद सिरोज, ननदोई मुशीर को नामजद किया गया. उपचार के दौरान अस्पताल में कौशर जहां की मौत हो गई. इस मामले में चार्जशीट दायर की गई. न्यायालय में सत्र परीक्षण के दौरान साक्ष्यों व गवाही के आधार पर सातों को हत्या का दोषी करार देकर उम्रकैद व अर्थदंड लगाया है.

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