दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने फर्जी सरकारी वेबसाइट और टेंडर के नाम पर व्यापारियों को ठगने वाले एक बड़े गिरोह को पकड़ा है। एडिशनल सीपी अमरूता गुगलोत के नेतृत्व में कार्रवाई की गई। टीम ने मास्टरमाइंड रत्नाकर, उनकी पत्नी अनीता और स्टेट हेड सौरभ को गिरफ्तार किया गया। इस फ्रॉड में अब तक 60-70 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पूरे देश से 15 से अधिक पीड़ितों ने शिकायत की थी।
गिरोह ने ‘राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन’ यानी आजीएसएम नाम की फर्जी वेबसाइट बनाई, जो केंद्रीय सरकार की पहल बताई गई। इस वेबसाइट के जरिए स्कूल यूनिफॉर्म, मेडिकल किट जैसे सामान के फर्जी टेंडर जारी किए जाते थे। आरोपी भारत सरकार के नाम से दस्तावेज तैयार करते, स्टांप ड्यूटी वसूलते और कमीशन के नाम पर पैसे ऐंठते। सामान डिलीवर करने के बाद भुगतान के बहाने अतिरिक्त रकम मांगते और फरार हो जाते।
एडिशनल सीपी अमरूता गुगलोत ने बताया ने आरजीएसएम एक पूरी तरह फर्जी संस्था थी। आरोपी ने गाजियाबाद और उत्तम नगर में फ्लैट खरीदे, लग्जरी कारें लीं और ट्रस्ट के खाते से 3.5 करोड़ रुपये निकाल लिए। गिरोह ने बाराखंबा रोड पर फर्जी दफ्तर भी खोला, जहां मीटिंग्स आयोजित की जातीं। इन मीटिंग्स में फर्जी लोगों को आईएएस अधिकारी बनाकर पीड़ितों को भ्रमित किया जाता था।
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