अमृतांशी झोसी, भोपाल। मोदी सरकार (Modi government) इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल- 2022 (Electricity Amendment Billआज लोकसभा में पेश कर सकती है। बिजली के निजीकरण के लिए संसद में रखे जाने वाले बिजली संशोधन विधेयक- 2022 के विरोध में आज एमपी के 70 हजार बिजली कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। बिल के विरोध में मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम (Madhya Pradesh United Forumके नेतृत्व में एमपी के नियमित, संविदा और आउटसोर्सिंग के सभी कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से बिजली उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ेगी। कर्माचरी आज कोई भी बिजली फॉल्ट नहीं बनाएंगे। साथ ही कोई भी कनेक्शन नहीं जोड़ेंगे।

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बता दें कि यह विधेयक देश के मौजूदा बिजली वितरण क्षेत्र में बड़े बदलाव ला सकती है। साथ ही समूचे बिजली सेक्टर में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी को और बढ़ाने का रास्ता खुल सकता है। पूरे देश में पहली बार बिजली ग्राहकों को एक से ज्यादा बिजली वितरण कंपनियों को चुनने का विकल्प खोल सकता है। विधेयक के जरिए सरकार केंद्र और राज्यों के बिजली नियामक आयोग के ढांचे में भी कुछ महत्वपूर्ण बदलाव लाया जाएगा।

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सरकार की तरफ से उक्त संशोधन विधेयक पेश करने के संकेत दिए जाने के साथ ही देशभर में इसका विरोध की घोषणा की गई है। बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों के राष्ट्रीय सेमिनार में प्रस्तावित विधेयक के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया है। तमिलनाडु, तेलंगाना व पश्चिम बंगाल की सरकारों की तरफ से इस विधेयक के खिलाफ बयान जारी किये जा चुके हैं।

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