लखनऊ. उत्तर प्रदेश के टोल प्लाजा में 750 करोड़ का घोटाला सामने आया है. STF ने मिर्जापुर के अतरैला टोल प्लाजा पर छापा मारा तो इसका खुलासा हुआ. NHAI के कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर बदलकर वसूली की गई है. 100 टोल प्लाजा पर 5 साल में रोजाना 40-50 हजार का घोटाला होने की बात सामने आई है. इस मामले में NHAI ने 3 दिन में रिपोर्ट मांगी है.

पकड़े गए तीन आरोपी

स्पेशल टास्क फोर्स (STF) अफसरों का मानना है कि यूपी के सभी टोल प्लाजा पर इस तरह के सॉफ्टवेयर से घोटाला किया गया है. 5 साल में ये रकम करीब 750 करोड़ तक हो सकती है. यूपी में 100 टोल प्लाजा हैं. आरोपियों ने रोज हर टोल से 40 से 50 करोड़ का घपला किया है.

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जानकारी के मुतबिक STF टीम ने मिर्जापुर के अतरैला टोल प्लाजा पर छापेमारी कर 3 लोगों को पकड़ा है. जो कि जौनपुर, प्रयागराज और मझौली (मध्यप्रदेश) के रहने वाले हैं. बतया जा रहा है कि इन लोगों ने टोल प्लाजा पर लगे NHAI के कंप्यूटर में अपना सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर रखा था. इसके जरिए टोल प्लाजा से बिना फास्टैग (Fastag) के गुजरने वाले वाहनों को फ्री दिखाकर उनसे वसूला गया पैसा अपने खुद के खाते में डलवाते थे.

इस कार्रवाई के बाद से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से लेकर प्रदेश भर के टोल प्लाजा पर हड़कंप मचा है. आरोपियों ने टोल प्लाजा पर लगे NHAI के कंप्यूटर में अपना सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर रखा था. अब NHAI पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि उसके कितने टोल प्लाजा पर ऐसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हाे रहा है.