Republic Day 2025: भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के इंडिया गेट (India Gate) स्थित कर्तव्य पथ पर शानदार परेड हुई. परेड के चीफ गेस्ट इंडोनेशिया के प्रेसिडेंट प्रबोवो सुबियांतो (Prabowo Subianto) रहे. दोनों देशों के प्रेसिडेंट बग्घी में बैठकर कर्तव्य पथ पहुंचे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने तिरंगा फहराया. परेड के दौरान 16 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली (Delhi) और केंद्रीय मंत्रालयों की झांकियों के जरिए भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन किया गया. कर्तव्य पथ पर हुई गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेना (Indian Army) ने दुनिया को अपनी ताकत दिखाई.

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कल्चर मिनिस्ट्री के सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ 76वें गणतंत्र दिवस की परेड शुरू हुई. इस साल पहली बार कर्तव्य पथ पर एक साथ 5 हजार कलाकारों ने प्रस्तुति दी. 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में भारत ने अपनी सैन्य शक्ति का भव्य प्रदर्शन किया. इसमें विशिष्ट मार्चिंग टुकड़ियां, मिसाइलें और विभिन्न स्वदेशी हथियार शामिल थे. इस दौरान इंडियन एयरफोर्स के विमानों का शानदार प्रदर्शन भी देखने को मिला. देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और एडवांस मिलिट्री क्षमताओं का एक अनूठा प्रदर्शन हुआ, जो देश की ताकत और अखंडता को रीप्रजेंट करता है.

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कर्तव्य पथ पर हुई गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेना ने दुनिया को अपनी ताकत दिखाई. पहली बार, सशस्त्र बलों के बीच तारतम्यता की व्यापक भावना को दर्शाती सेना की तीनों सेवाओं की झांकी राष्ट्रीय राजधानी के कार्तव्य पथ पर देखने को मिली. इसमें स्वदेशी अर्जुन युद्ध टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर के साथ थल, जल और हवा में समकालिक अभियान का प्रदर्शन करते हुए एक युद्धक्षेत्र के परिदृश्य को दर्शाया गया. सेना की तीनों सेवाओं की झांकी का विषय सशक्त और सुरक्षित भारत था. 

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भीष्म टैंक-ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का प्रदर्शन

घुड़सवार दस्ते का नेतृत्व करने वाली पहली सैन्य टुकड़ी 61 कैवेलरी थी, जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट अहान कुमार ने किया. वर्ष 1953 में स्थापित 61 कैवलरी दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार रेजिमेंट है. इसके बाद नौ मशीनीकृत टुकड़ियों और नौ मार्चिंग टुकड़ियों ने परेड की. टैंक टी-90 भीष्म, एनएजी मिसाइल प्रणाली, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट प्रणाली, अग्निबाण मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर, आकाश हथियार प्रणाली, एकीकृत युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली और ऑल-टेरेन व्हीकल (चेतक) भी परेड का हिस्सा बने.

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नेवी ने दिखाई ताकत

इसके बाद इंडियन नेवी की झांकी आई, जिसमें भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने में सक्षम एक मजबूत आत्मनिर्भर नौसेना को दर्शाया गया. झांकी में आईएनएस सूरत, युद्धपोत आईएनएस नीलगिरि और पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर सहित अग्रिम पंक्ति के अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को प्रदर्शित किया गया.

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आसमान में गरजे राफेल-सुखोई

परेड में भारतीय वायु सेना की टुकड़ी में स्क्वाड्रन लीडर महेंद्र सिंह गराती के नेतृत्व में चार अधिकारी और 144 कर्मी शामिल थे. इसके बाद बाज फॉर्मेशन में तीन मिग-29 विमानों द्वारा फ्लाई-पास्ट किया गया. गणतंत्र दिवस पर फ्लाईपास्ट में 22 लड़ाकू विमान, 11 परिवहन विमान और सात हेलीकॉप्टर समेत कुल 40 विमानों ने हिस्सा लिया. लड़ाकू जहाजों की गगनभेदी आवाज और उनकी जांबाजी भरे करतबों से दर्शक बेहद उत्साहित नजर आए. इन विमानों में राफेल, सुखोई, जगुआर, डॉनियर, अपाचे हेलीकॉप्टर, सी 17, सी 295 आदि विमान शामिल थे. 

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DRDO की झांकी में ‘प्रलय’ की झलक

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपनी झांकी में खुद से विकसित कई घरेलू महत्वपूर्ण प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया. यह पहली बार था कि स्वदेशी रूप से विकसित प्रलय मिसाइल प्रणाली का प्रदर्शन किया गया. डीआरडीओ की झांकी में त्वरित प्रतिक्रिया वाली, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, हवाई प्रारंभिक चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली, 155 मिमी/52-कैलिबर वाली उन्नत तोपें प्रदर्शित की गईं.

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इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बल का मर्चिंग दस्ता

76 वें गणतंत्र दिवस परेड में इंडोनेशिया के 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दल ने भी हिस्सा लिया. यह पहली बार था कि किसी इंडोनेशियाई मार्चिंग और बैंड दल ने विदेश में राष्ट्रीय दिवस परेड में भाग लिया. कर्तव्य पथ पर मार्च करने वाली टुकड़ियों में सहायक कमांडेंट ऐश्वर्या जॉय एम के नेतृत्व में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 148 सदस्यीय महिला मार्चिंग टुकड़ी शामिल थी. 

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