राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश के शहडोल में 16 जनवरी को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होगी। शहडोल जिले में समृद्ध खनिज संपदा है। यह सांस्कृतिक विरासत और रणनीतिक भौगोलिक स्थिति के चलते औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं।
एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव की पहल पर शुरू हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव अब वृहद आकार ले रही हैं। इसी कड़ी में शहडोल में 16 जनवरी को 7वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की जाएगी। जिसमें मुख्यमंत्री डॉ मोहन, डिप्टी सीएम सहित कैबिनेट मंत्रियों के साथ देश के नामचीन उद्योगपति शामिल होंगे। शहडोल में उद्योगों के निवेश के लिए सस्ती जमीन, कोयला, बिजली और पानी मिलेगा। फूड प्रोसेसिंग सहित ऊर्जा के क्षेत्र में करोड़ों का निवेश होगा।
तीन राज्यों को MP से जोड़ता है यह जिला
जिले में बड़े उद्योग स्थापित होने से बेरोजगार युवाओ को रोजगार मिलेगा। एमपी का शहडोल जिला देश के प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्रों में से एक है। सोहागपुर कोलफील्ड एशिया के सबसे बड़े कोयला भंडारों में से एक है। शहडोल में फायर क्ले, मीथेन गैस और अन्य महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं। शहडोल मध्यप्रदेश को छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार से जोड़ता है।
4 हजार से अधिक उद्यमियों ने कराया पंजीयन
इस रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के लिए 4471 उद्यमियों ने उपस्थिति के लिए ऑनलाइन पंजीयन कराया। जिससे अभी तक 12204.2 करोड़ के निवेश का रास्ता साफ हो गया है। औद्योगिक प्रायोजन के लिए मोहन सरकार ने शहडोल में 6797.716 हेक्टेयर भूमि चिह्नित की है। आपको बता दें प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने साल 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में घोषित किया है।
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