लक्षिका साहू, रायपुर। राजधानी रायपुर में बोरे-बासी खिलाने पर 8 करोड़ से अधिक खर्च करने का मामला सामने आया है. यह खुलासा सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मिली जानकारी से हुआ है. दस्तावेजों के अनुसार, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 1 मई यानी श्रमिक दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ी खान-पान को बढ़ावा देने बोरे-बासी खिलाने का प्रावधान किया गया. इसके लिए तत्कालीन सरकार की ओर से प्रदेश भर में बोरे-बासी और श्रमिक दिवस के कई कार्यक्रम आयोजित किए गए थे, जिसमें यह राशि खर्च की गई.

इसी को लेकर आरटीआई से मिली जानकारी से यह खुलासा हुआ है कि सिर्फ राजधानी रायपुर में बोरे-बासी खिलाने पर 8 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की गई थी. वह भी बिना किसी सरकारी निविदा के खर्च की गई.
आरटीआई से प्राप्त जानकारी के मुताबिक-
वर्ष 2020 में बैगर निविदा के 3 करोड़ का कार्य मेसर्स शुभम किराया भंडार से कराया गया.
वर्ष 2023 में बैगर निविदा 8 करोड़ 32 लाख का कार्य मेसर्स व्यापक इंटरप्राईजेस से कराया गया.
वर्ष 2024 में पुनः बैगर निविदा के लगभग 3 करोड़ का कार्य मेसर्स व्यापक इंडरप्राईजेस से कराया गया.
आरटीआई कार्यकर्ता ने उठाया भ्रष्टाचार का आरोप
आरटीआई कार्यकर्ता आशीष सोनी ने इस मामले में आरोप लगाया कि इसमें बड़े पैमाने पर मिलीभगत हुई है. उन्होंने कहा कि 1 मई को श्रमिक दिवस के मौके पर एक बार फिर वही चहेती इवेंट कंपनी को बिना निविदा कार्य दिया जा रहा है.
बोरे-बासी अस्मिता का प्रतीक, शासन की थी अनुमति- सुशाली आनंद शुक्ला
इस मामले में कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बोरे-बासी छत्तीसगढ़ी अस्मिता का प्रतीक है. कांग्रेस सरकार में इसे बढ़ावा देने का काम किया गया था. श्रमिक दिवस को हमने बोरे-बासी दिवस के रूप में मनाया और मजदूरों के स्वाभिमान को जगाने का काम भी किया. इसके लिए कांग्रेस सरकार में कई आयोजन भी हुए. राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज में भी बड़ा आयोजन हुआ था. इस आयोजन के लिए सरकार की ओर से स्वीकृति दी गई थी. इसके लिए निविदा की जरूरत नहीं थी. सम्मेलन में बोरे-बासी खाने के साथ ही प्रदर्शनी इत्यादि का आयोजन भी हुआ था, जिसमें राशि खर्च की गई थी. लेकिन आज यह दिख रहा है कि भाजपा छत्तीसगढ़ी संस्कृति और तीज-त्योहारों को मनाना छोड़ चुकी है, क्योंकि उनके भीतर छत्तीसगढ़ी अस्मिता का भाव नहीं दिखता.
ऐसा कोई विभाग नहीं है जहां कांग्रेस ने भ्रष्टाचार नहीं किया- भाजपा
वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी प्रदेश महामंत्री और नागरिक आपूर्ति खाद्य विभाग के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने इसे कांग्रेस का एक और कारनामा बताया है. उन्होंने कहा कि एक दिन में एक जिले में आठ करोड़ का भुगतान और खर्चा जिस प्रकार से किया गया है, यदि यही राशि श्रमिकों को दी जाती, तो उन्हें लाभ मिलता. श्रमिकों के साथ भद्दा मजाक किया गया है. कोई एक ऐसा विभाग नहीं है जहां कांग्रेस ने भ्रष्टाचार नहीं किया. इन्होंने श्रमिकों को भी नहीं छोड़ा, उनके सम्मान के नाम पर शानदार भ्रष्टाचार भूपेश बघेल की सरकार में किया गया है.
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