
जीतेन्द्र सिन्हा, गरियाबंद। जिले के ग्राम फूलझर में बीते एक महीने के भीतर 8 ग्रामीणों की अचानक मौत से पूरे गांव में दहशत का माहौल है। इन रहस्यमयी मौतों के कारण गांव के लोग इतने भयभीत हैं कि उन्होंने इस बार पारंपरिक रूप से मनाया जाने वाला होली पर्व भी नहीं मनाया। गांव में न होलिका दहन हुआ और न ही रंग-गुलाल उड़ा। लगातार हो रही मौतों की वजह से ग्रामीणों में डर और चिंता बनी हुई है। इसी भय के कारण गांव के लोगों ने सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना कर संकट टालने की प्रार्थना की।

गांव में पसरा सन्नाटा, पूजा-पाठ में जुटे ग्रामीण
गांव में लगातार हो रही मौतों से चिंतित ग्रामीणों ने गांव के सभी कामकाज बंद रखे और पूरे विधि-विधान के साथ ग्राम के देवालय में विशेष पूजा-अर्चना की। ग्रामीणों ने एकजुट होकर गांव के प्रमुख चौक-चौराहों पर शोभायात्रा निकाली और विभिन्न मंदिरों में पूजा-पाठ किया।

पूजा के दौरान महिलाएं पीली साड़ी पहनकर सिर पर मंगल कलश लिए नजर आईं, वहीं पुरुष धोती-कुर्ता पहनकर भजन-कीर्तन करते हुए गांव के शीतला मंदिर पहुंचे। यहां सभी ने मिलकर पूजा की और संकट टालने की मिन्नतें मांगीं। इसके बाद गांव के हनुमान मंदिर में सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया गया। ग्रामीणों का मानना है कि गांव में अनहोनी या विपदा के समय देवी-देवताओं की पूजा करने से संकट टल जाता है। इसी परंपरा को निभाते हुए गांव के लोगों ने सामूहिक पूजा का आयोजन किया।

24 घंटे का हनुमान चालीसा जाप जारी
आज तड़के सुबह से गांव में 24 घंटे के लिए हनुमान चालीसा का अखंड पाठ चल रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि इस धार्मिक अनुष्ठान से गांव में फैला संकट टल सकता है और लोगों की मौतों का सिलसिला रुक सकता है।

कल होगा शांति हवन, संत गोवर्धन शरण महाराज होंगे शामिल
कल सिरकट्टी आश्रम के संत श्री गोवर्धन शरण महाराज के सानिध्य में गांव के शीतला मंदिर में विशेष हवन-पूजन किया जाएगा। इस दौरान पूरे गांव के लोग अपने-अपने कामकाज बंद रखकर शांति हवन में शामिल होंगे और देवी-देवताओं से गांव की रक्षा की प्रार्थना करेंगे।
ग्रामीणों ने क्या कहा?

गांव के लोगों ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था, लेकिन इस बार लगातार हो रही मौतों ने पूरे गांव को डरा दिया है। संतु राम ध्रुव ने कहा “गांव में लगातार हो रही मौतों से हम सब डरे हुए हैं। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। इसीलिए हमने मिलकर पूजा करने का निर्णय लिया है ताकि गांव पर आए इस संकट से छुटकारा मिले।” वहीं तारण सिंह ध्रुव ने कहा कि “हमारी परंपरा रही है कि जब भी गांव में कोई विपदा आती है, तो कुल देवी-देवताओं की पूजा करने से संकट टल जाता है। हमने भी इसी उम्मीद से आज सामूहिक पूजा की है।” इसके अलावा रुपेश कुमार कुंजाम ने कहा कि “गांव के लोग डरे हुए हैं। इस बार होली पर भी सन्नाटा था। हम चाहते हैं कि भगवान हमारी रक्षा करें और यह मौतों का सिलसिला थम जाए।”

मौतों की वजह का अब तक कोई खुलासा नहीं
गांव में बढ़ती मौतों के कारणों की अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। प्रशासन भी इस रहस्यमयी घटनाओं की जांच में जुटा हुआ है। फिलहाल, ग्रामीणों को उम्मीद है कि भगवान की कृपा और प्रशासन की मदद से इस संकट से जल्द ही राहत मिलेगी।
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