प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की नई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में बिहार के 8 सांसदों को मंत्रीपद की शपथ दिलाई गई. इनमें 6 लोकसभा के सांसद हैं, जबकि 2 राज्यसभा सांसद हैं. 8 मंत्रियों में 4 भारतीय जनता पार्टी, 2 जनता दल यूनाईटेड, 1 लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और 1 हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के सांसद हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्र में सरकार बनाने के लिए बधाई दी. वह जदयू कोटे के मंत्रियों के साथ राज्यसभा सांसद संजय झा सहित शपथ ग्रहण समारोह में भी पहुंचे थे.
किसके कितने सांसद, कौन बनाए गए मंत्री
पिछली बार बिहार की 40 में से 39 सीटें जीतने वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को इस बार 30 सीटों से संतोष करना पड़ा. इसमें भाजपा और जदयू के 12-12 सांसद चुने गए. भाजपा से पिछली सरकार में भी 3 मंत्री बने थे. इस बार 4 मंत्री बनाए गए हैं- बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह, मुजफ्फरपुर सांसद राजभूषण चौधरी, उजियारपुर सांसद नित्यानंद राय और राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे. जदयू से मुंगेर सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर को केंद्र में मंत्रीपद की शपथ दिलाई गई. चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा (रामविलास) के सभी 5 प्रत्याशी सांसद चुने गए. चिराग को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्रीपद की शपथ दिलााई गई. हम (सेक्युलर) को लड़ने के लिए NDA में एक ही सीट मिली थी और पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी गया से सांसद बनने के बाद अब केंद्रीय मंत्री बनाए गए हैं.
4 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्री बनाए गए
राष्ट्रपति भवन परिसर में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में गिरिराज सिंह, ललन सिंह, जीतन राम मांझी और चिराग पासवान को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. राज्यमंत्री के रूप में रामनाथ ठाकुर, नित्यानंद राय, सतीश चंद्र दुबे और राजभूषण चौधरी निषाद को शपथ दिलाई गई.
जीतन राम मांझी
जीतन राम मांझी मई 2014 से फरवरी 2015 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं. जीतन राम मांझी ने 1980 में राजनीति में प्रवेश किया और बिहार विधानसभा के सदस्य बने. जीतनराम मांझी 1980-1990 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में रहे. फिर 1990-1996 तक वह जनता दल में रहे. फिर 1996-2005 तक वह राष्ट्रीय जनता दल के साथ रहे. 2005-2015 तक वह जनता दल यूनाइटेड के साथ रहे. जीतनराम मांझी बिहार में चंद्रशेखर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में पहली बार मंत्री बने थे और अब वह केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बने हैं.
चिराग पासवान
चिराग पासवान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2014 के लोक सभा चुनाव से की थी. इस तरह वह जमुई से पहली बार सांसद बने. 2019 के चुनाव में वह फिर से जमुई से सांसद बने. 2024 के चुनाव में चिराग हाजीपुर से चुनाव लड़े और कुल 6,15,718 वोट लाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राष्केट्रीय जनता दल के उम्मीदवार शिवचन्द्र राम को 1.70 लाख से अधिक वोटों से हराया. मोदी के हनुमान कहे जाने वाले चिराग पासवान इस बार पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह
गिरिराज सिंह पहली बार 2007 में मंत्री बने. फिर 2014 में वह पहली बार केन्द्रीय मंत्री बने. गिरिराज सिंह 2008 से 2010 तक वह सहकारिता मंत्री रहे. 2010-13 तक वह पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रहे. 2014 में पहली बार नवादा के संसद बने. फिर 2017 में पहली बार केंद्र में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे.
राम नाथ ठाकुर
रामनाथ ठाकुर 1989 और 1995 में लालू प्रसाद यादव के द्वारा एमएलसी बनाये गये. फिर वह लालू सरकार में मंत्री भी रहे. इसके बाद उन्होंने लालू प्रसाद यादव का साथ छोड़कर नीतीश कुमार के साथ हो लिए. इसके बाद वह दो बार विधायक और बिहार सरकार नीतीश कैबिनट में मंत्री भी बने. दो बार विधायक रहने के बाद वह अख्तरुल इस्लाम शाहीन से चुनाव हार गए. इसके बाद नीतीश कुमार ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया.
ललन सिंह
ललन सिंह वर्ष 2000 से 2004 तक जनता दल यूनाइटेड के राज्यसभा सांसद रहे. 2009 से 2014 तक वह जनता दल यूनाइटेड के मुंगेर से सांसद रहे. वर्ष 2021 में पहली बार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने. वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव में बिहार के कुख्यात अपराधी अशोक महतो की नवविवाहिता पत्नी कुमारी अनिता को 80807 मतों से पराजित कर मुंगेर से लगातार दूसरी बार सांसद बने.
नित्यानंद राय
नित्यानंद राय 1998 में भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) के अध्यक्ष बने. वर्ष 2000 में हाजीपुर से बिहार विधानसभा का चुनाव जीते. यहां से उन्होंने चार बार चुनाव जीता. नित्यानंद राय 2016 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने और फिर उन्हें गृह राज्य मंत्री बनाया गया.
सतीशचंद दुबे
सतीश चंद्र दुबे को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में पहली बार जगह मिली है. चनपटिया और नरकटियागंज से तीन बार विधायक चुने जा चुके सतीशचंद दुबे 2014 में वाल्मीकिनगर लोकसभा से भाजपा के सांसद निर्वाचित हुए थे. 2019 में राम जेठमलानी के निधन के बाद शेष अवधि के लिए पहली बार राज्यसभा सदस्य बनाए गए. फिर पार्टी ने इन्हें 2022 में संसद के उच्च सदन राज्यसभा में भेजा.
राज भूषण चौधरी
राज भूषण चौधरी 2024 में पहली बार सांसद बने. वर्ष 2022 के बोचहां उपचुनाव के दौरान राजभूषण चौधरी भाजपा में शामिल हुए.
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