रुपेश गुप्ता, रायपुर। विधानसभा में बुधवार का दिन गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों के लिए काला साबित हुआ. बजट सत्र के तीसरे दिन अलग-अलग मामलों में 9 अधिकारियों और कर्मियों कों निलंबित किया गया.

सदन की कार्यवाही शुरु होते ही कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा ने बेरला जनपद पंचायत सीईओ शिशिर शर्मा के खिलाफ अवैध वसूली की शिकायत का मामला उठाया और निलंबन की मांग की. पूर्व सीएम अजीत जोगी ने भी निलंबन की मांग का समर्थन किया. जिस पर पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने सदन में बेरला जनपद पंचायत सीईओ शिशिर शर्मा के निलंबन की घोषणा की.

दूसरे मामले में फिंगेश्वर के लेखा अधिकारी सुधीर भट्टाचार्य पर गरियाबंद जिले के जनपद पंचायत फिंगेश्वर में ग्राम पंचायतों द्वारा कराये गये विभिन्न निर्माण कार्यों का मूल्यांकन सत्यापन होने के पश्चात् भी राशि में कटौती करने के मामले में पूर्व सीएम अजीत जोगी ने सवाल उठाया था. जिस पर पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने सदन में लेखा अधिकारी सुधीर भट्टाचार्य के निलंबन की घोषणा की.

वहीं एक्सप्रेस वे के घटिया निर्माण की जिम्मेदारी तय करते हुए मामले की गाज 6 अधिकारियों पर गिरी. जेसीसी विधायक धरमजीत ने एक्सप्रेस वे के निर्माण में अनियमितता का मामला सदन में उठाया था. उन्होंने निर्माण कार्य में शामिल 6 अधिकारियों को निलंबित किये जाने की मांग की. जिस पर पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने सभी 6 अधिकारियों डीजीएम एसके जाधव, डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर निषेश भट्ट, प्रोजेक्ट मैनेजर एससी आर्य, डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर जतिन्द्र सिंह, असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर विवेक सिन्हा और असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर फरहाज फारूकी को निलंबित करने की घोषणा की.

वहीं चौथे मामले में विधानसभा पहुंच रही बसपा विधायक की गाड़ी परिचय बताने के बावजूद रोकने वाले पुलिस कर्मी पर भी निलंबन की गाज गिरी. बसपा विधायक ने राज्यपाल के अभिभाषण में चर्चा के दौरान अपने भाषण में कहा कि वह विधानसभा आ रही थीं, पुलिसकर्मी ने उनकी गाड़ी को रोका तो उन्होंने अपना परिचय दिया. जिसके बाद भी दस मिनट तक पुलिसकर्मी ने उनकी गाड़ी को रोके रखा. उन्होंने आसंदी से जनप्रतिनिधियों के सम्मान के लिए अधिकारियों को निर्देशित करने की मांग की. जिस पर संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने ऐलान किया कि जिस किसी भी पुलिस कर्मी ने विधायक की गाड़ी को बैरियर पर रोका उसे निलंबित किया जाएगा.