कोंडागांव. जवान की अस्थियां विसर्जन करने जा रहे परिजन भीषण सड़क हादसा के शिकार हुए. एक ही परिवार से 8 लोगों की मौत हो गई. दिल दहला देने वाली घटना के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है. सबसे चौकाने वाली बात तो यह है कि जगह कम पड़ने की वजह से दो गांव में अंतिम संस्कार करना पड़ा.

कोंडागांव जिले के ग्राम बभनी के लिए दिन बुधवार काला दिवस के रूप में आया. जब सुबह एक ही परिवार के 9 सदस्यों का शव गांव पहुंचा तो पूरा गांव मातम में डूब गया. घर पर कोई नहीं था पूरा गांव रो रहा था, शवों के क्रियाक्रम के लिए भी कोई नहीं बचा.

बता दें कि, 23 नवंबर कोंडागांव के बम्हनी निवासी साजेन्द्र ठाकुर जो धनोरा थाने में पदस्थ था और उसने 14 नवंबर को अपनी सर्विस रायफल से गोली चला कर आत्महत्या कर ली थी. उसी की अस्थियां विर्सजित करने गया पूरा परिवार भद्राचलम से वापस आ रहा था. तभी आंधप्रदेश के चिंतुर इलाके में बेलेरो को ट्रक ने जबरदस्त टक्कर मार दी. बेलोरे में सवार 10 लोगों में से 8 की मौत मौके पर ही हो गई. वहीं दो घायल बच्चों को कार्तिक और दिव्यांश ठाकुर ही बचे हैं. उनका उपचार भद्राचलम में चल रहा है.

दो जगह करना पड़ा दाह संस्कार

हादसे के बाद मृतक साजेन्द्र ठाकुर के परिवार में कोई नहीं बचा. 8 लोगों के शवों का अंतिम संस्कार करना भी आसान नहीं था, जिसके चलते 5 लोगों के शव उनके पुस्तैनी गांव पंडरीपानी ले जाया गया और तीन का अंतिम संस्कार बम्हनी ग्राम में किया गया.

इनकी हुई मौत
साजेन्द्र ठाकुर के रिश्तेदार मनीराम ठाकुर पिता , पदम ठाकुर, चाचा, सटबाई मां, किरण ठाकुर बहन, मनीषा ठाकुर बहन, इनका अंतिम संस्कार पुस्तैनी ग्राम पटरीपानी में तो नैनसिंह ठाकुर बड़े पिता, दिलेन्द्र ठाकुर मामा, राजेष ठाकुर मामा का बम्हनी में अंतिम संस्कार हुआ.

घटना में बचे 2 बच्चे
अस्थी विर्सजन में साथ गए मृतक साजेन्द्र के पुत्र दिव्यांश और कार्तिक ठाकुर ही बचे हैं. उनका उपचार भद्रचलम में चल रहा है.