महासमुंद। महासमुंद और गरियाबंद जिले के 81 हजार 218 किसानों को खरीफ सीजन 2019-20 में हुए फसल नुकसान का बीमा धन नहीं मिला है. इससे नाराज महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू ने राज्य सरकार पर जानबूझ कर प्रधानमंत्री फसल बीमा के लाभ से किसानों को वंचित करने का आरोप लगाया है.
सांसद चुन्नीलाल साहू ने सवाल किया कि पात्रता के बावजूद 1086 गांव के किसानों को प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ क्यों नहीं मिला. साल 2019-20 के खरीफ सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश भर के किसानों की तरह महासमुंद और गरियाबंद जिले के किसानों ने भी बीमे की प्रीमियम राशि राष्ट्रीयकृत और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के माध्यम से जमा कराई थी. पानी की कमी और उसकी अधिकता के साथ ही कीट प्रकोप के चलते धान और दूसरे खरीफ की फसलों को काफी नुकसान हुआ. राज्य सरकार ने फसल नुकसान का मौका मुआयना करवाया. पटवारी, तहसीलदार और ग्राम प्रमुखों की मौजूदगी में फसल का पंचनामा तैयार हुआ, फिर भी किसानों को बीमा का लाभ नहीं मिला.
उन्होंने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ सरकार जानबूझ कर केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ से महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के किसानों को वंचित करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने गरियाबंद और महासमुंद जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सरकार से पूछा है कि आखिर व्यापक नुकसानी के बाद भी किसानों को उनके हक से क्यों वंचित होना पड़ा है. उन्होंने आशंका जताई है कि स्थानीय प्रशासन ने राज्य सरकार के इशारे पर केंद्र को गलत जानकारी दी है, जिससे वे यह साबित कर सकें कि राज्य में खरीफ फसल का बेहतर उत्पादन हुआ है. उन्होंने यह भी कहा है कि फसल नुकसानी के बावजूद खरीफ सीजन में उन क्षेत्रों से धान की अधिक खरीदी कैसे की गई है. सांसद साहू ने आशंका जताई है कि राज्य की सरकार ने व्यापारियों के धान को खरीदने के लिए यह कुचक्र रचा और इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा है.