नई दिल्ली . देश 14 नवंबर को बाल दिवस मना रहा है, लेकिन अभी भी दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में दुकानों, ढाबों और कार गैराज समेत कई जगहों पर बच्चे बाल श्रम करते नजर आ रहे हैं. इन सभी की रोकथाम को लेकर अब कड़े कानून बनाने की भी मांग हो रही है.
दिल्ली समेत देशभर से बाल श्रम को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. देशभर में बीते एक वर्ष में कुल लगभग 13 हजार बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया गया. राजधानी में लगभग 800 बच्चों को जनवरी से लेकर अभी नवंबर तक मुक्त कराया गया.
बचपन बचाओ आंदोलन एनजीओ ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर राजधानी में बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया है. एनजीओ के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने कहा कि बाल तस्कर बच्चों को दूसरे राज्यों से लाते हैं और फिर उन्हें बंधुआ मजदूरी में झोंक देते हैं. बच्चों को बाल श्रम से बचाने के लिए तमाम कानूनों के बावजूद बाल मजदूरी पर रोक नहीं लग पा रही है. इसे रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के साथ नागरिक समाज और गैर सरकारी संगठनों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी.